स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द की जाएगी शुरुआत
गुरुग्राम(सच कहूँ न्यूज)। नौनिहालों को जानलेवा बीमारी निमोनिया से बचाने के लिए अब महंगी दवा को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि इस दवा के अभाव में किसी की जान न जाए। साथ में इस दवा के आने के बाद निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही लूट-खसोट से भी लोग बच जाएंगे। खुद प्रशासनिक अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि निजी अस्पताल इस दवा की एक डोज तीन से साढ़े तीन हजार रुपए में लगाते हैं।
बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए तीन डोज लगवानी जरूरी होती है। पीसीवी-13 नामक वैक्सीन को लेकर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है। यह दवा बच्चों को निमोनिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाने में रामबाण का काम करेगी। पीसीवी-13 वैक्सीन के आने के बाद बच्चों को निमोकोकल बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाया जा सकता है, जोकि निमोनिया होने का मुख्य कारण होता है। यह वैक्सीन शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
निमोनिया भी हो सकती है मौत
जानकारी के मुताबिक न्यूमोकोकल बैक्टीरिया कई बीमारियों में प्रमुख होता है। निमोनिया एक मरीज से दूसरे मरीज में फैल सकता है। निमोकोकल बैक्टीरिया से निमोनिया के अलावा दिमागी बुखार भी हो सकता है। यह बुखार आमतौर पर गर्दन में अकड़न और मानसिक भ्रम के साथ होता है जिससे दीर्घकालीन समस्याएं जैसे सुनाई न देना अथवा मृत्यु तक हो जाना आदि हो सकती है। इस बुखार के लक्षणों में बच्चे को बिना स्त्राव के कान दर्द शामिल हैं जिससे बार-बार होने वाले मामलों में श्रवण शक्ति समाप्त हो सकती है।
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