बड़ी इकाइयों के समान कारोबारी बढ़ेंगे अवसर
नई दिल्ली। जीएसटी से सूक्ष्म, लघु और मझौले उपक्रमों (एमएसएमई) को इनपुट क्रेडिट और सरल कर व्यवस्था से प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और उनके लिए बड़ी इकाइयों के समान कारोबारी अवसर भी बढ़ेंगे।
उद्योग मंडल एसोचैम और अश्विन पारेख एडवाइजरी की एक संयुक्त अध्ययन रपट के अनुसार माल एवं सेवा कर से बाजार विस्तार होगा तथा लॉजिस्टिक के खर्चे, यह एमएसएमई के लिए वरदान होगा।
रपट के मुताबिक एमएसएमई इकाइयों पर जीएसटी के अनुपालन का दबाव होगा और इसमें उन्हें खर्च भी करना होगा, क्योंकि इस नई कर प्रणाली का उद्येश्य कर आधार बढ़ाना है।
जीएसटी से निम्न कर, निर्बाध इनपुट टैक्स क्रेडिट और लॉजिस्टिक्स खर्च में बचत का युग आएगा तथा बाजार एक बहुत बड़ा हिस्सा संगठित कारोबार का रूप लेगा। रपट में कहा गया है कि इससे भारतीय एमएसएमई इकाइयां चीन, फिलीपीन और बांग्लादेश जैसे सस्ते लागत वाले विनिर्माण केंद्रों की इकाइयों से अधिक अच्छी तरह मुकाबला कर सकेंगी।
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