इस्लामाबाद: यहां एक कैंसर पीड़ित महिला ने सुषमा स्वराज से मदद मांगी है। उसे भारत में अपना इलाज कराने के लिए मेडिकल वीजा चाहिए। लेकिन, उसकी वीजा एप्लीकेशन को इंडियन एम्बेसी ने रिजेक्ट कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले जून में सुषमा स्वराज ने ढाई महीने के एक पाकिस्तानी बच्चे को मेडिकल वीजा दिलवाया था। PAK मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फैजा तनवीर (25) ओरल ट्यूमर (रीकरंट अमेलोब्लास्टोमा) से पीड़ित है।
उसने अपने इलाज के लिए गाजियाबाद के इंद्रप्रस्थ डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को 10 लाख रुपए एडवांस में दिए। लेकिन, इस्लामाबाद में इंडियन हाई कमीशन ने उसकी वीजा एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी।
मेडिकल वीजा के लिए भारत पर डिपेंड पाकिस्तानी
पहले साउथ एशियाई देशों के ज्यादातर पेशेंट्स मेडिकल वीजा के लिए सिंगापुर या थाईलैंड का रुख करते थे। लेकिन, बीते कुछ साल से भारत में मेडिकल फैसेलिटीज में जबरदस्त सुधार हुआ।
अब एशियाई देशों के ज्यादातर पेशेंट्स इलाज के लिए भारत को तवज्जो देते हैं दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में हर महीने करीब 500 पाकिस्तानी पेशेंट्स इलाज के लिए आते हैं।
इनमें लीवर ट्रांसप्लांट के पेशेंट्स भी होते हैं। अपोलो में इस पर करीब 30 लाख रुपए खर्च होता है जबकि यूरोप या बाकी देशों में खर्च छह से सात गुना ज्यादा होता है। दूसरी बात, भाषा की भी ज्यादा दिक्कत नहीं आती। दो साल पहले भी जब सरहद पर हालात खराब थे, भारत ने बस्मा नाम की पाकिस्तानी बच्ची को इमरजेंसी मेडिकल वीजा दिया था।
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