हैम्बर्ग: नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को G-20 देशों से आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाने की मांग की। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर मोदी ने कहा- कुछ देश सियासी फायदा उठाने के लिए टेरेरिज्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।
लश्कर हो या जैश या फिर, आईएस या अल कायदा, इन आतंकी संगठनों के नाम अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन विचारधार एक जैसी है। जर्मनी के हैम्बर्ग में दो दिन के G-20 समिट के पहले दिन पीएम ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ कुछ देशों का रवैया कमजोर है।
डोनाल्ड ट्रम्प, व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग और एंगेला मर्केल जैसे दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं की मौजूदजी में मोदी आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाया। मोदी ने कहा- ग्रुप 20 के देशों को उन देशों के ऑफिशियल्स को अपने यहां एंट्री पर बैन लगाना चाहिए जो आतंकवाद को समर्थन देेते हैं, इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ 11 प्वॉइंट का एक्शन एजेंडा भी पेश किया।
टेरर फाइनेंसिंग पर लगे रोक
ब्राजील के प्रेसिडेंट माइल टेमर, रूस के व्लादिमीर पुतिन, चीन के शी जिनपिंग और साउथ अफ्रीका के प्रेसिडेंट जैकब जुमा भी मौजूद थे। मोदी ने कहा- बढ़ता आतंकवाद समाज के लिए खतरा है।
अफगानिस्तान के अलावा सीरिया, लीबिया और यमन में खतरे हैं। मोदी ने कहा- दुनिया के सभी देशों को मिलकर टेरर फाइनेंसिंग पर फौरन रोक लगानी होगी। आतंकवाद को सपोर्ट और स्पॉन्सर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मोदी ने ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ मुलाकात में जीएसटी को इकोनॉमिक रिफॉर्म बताया।
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