सरपंच पर लगाए सरकारी अनुदान हड़पने के आरोप
- कुछ लोगों के बीच नहीं दूंगी लेखा-जोखा: सरपंच
दिड़बा मंडी (सतपाल खड़ियाल)। गांव मौड़ां में विकास कार्यों को लेकर गांव के बड़ी संख्या में ग्रामीण व सरपंच आमने-सामने हो गए हैं। लोगों ने सरपंच पर कथित घपलेबाजी का आरोप लगाते हुए उनसे ग्रांटों का लेखा-जोखा मांगा जा रहा है, जबकि सरपंच ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी के साथ गांव में रिकार्ड विकास कार्य करवाए हैं। कुछ लोगों के कहने पर वह इस तरह गांव के बीच लेखा-जोखा नहीं दे सकते।
विकास हुआ ही नहीं!
गांव के युवा हरदेव सिंह ने कहा कि गांव में करीब 80 लाख रुपये की ग्रांट आई है, जोकि सरपंच ने घोटाला कर पूरी हड़प ली। गांव में कोई भी गली-नाली नहीं बनाई गई और न ही कोई अन्य विकास कार्य किया है। बुधवार को जब ग्रामीणों ने एकत्रित होकर सरपंच को ग्रांटों का लेखा-जोखा करने के लिए कहा तो वह मौके पर नहीं पहुंचा, जिस कारण घपलेबाजी स्पष्ट होती है।
तुम खुद ही पार्क बना लो
युवाओं ने सरपंच को पार्क बनाने के लिए अपील की गई थी, जिसके जवाब में सरपंच ने कहा कि पंचायत के पास इस वक्त कोई पैसा नहीं है। आप खुद पैसे खर्च कर पार्क बना सकते हो। जो खर्च आप लोग करोगे, वह ग्रांट आने पर वापिस दे दिया जाएगा। युवाओं द्वारा इस मौके गांव में रोष प्रदर्शन कर जलूस भी निकाला गया।
इस मौके रमनेश बावा, कुलदीप सिंह, जगविन्द्र सिंह, रविनंदन बावा, जगदीप सिंह, गोनी सिंह, सोनी, दीपा सिंघापुर, निशू, चतरी, बलकार बल्ली, विक्की, गगन, प्रगट सिंह, गोरा, सतनाम सिंह, दीपू, बब्बू, मिन्टा, सतिन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।
जितने भी विकास के काम उनकी पंचायत ने करवाए हैं, वह इससे पहले किसी भी पंचायत ने नहीं करवाए। गांव की 80 फीसदी गलियां-नालियां दोबारा बनवाई गई हैं। जिस किसी को लेखा-जोखा चाहिए, वह आरटीआई डालकर हिसाब ले सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि दलित होने के नाते उन्हें गांव के चौक में बुलाकर हिसाब मांगा जा रहा है, जबकि गांव के एतिहास में कभी भी ऐसा नहीं हुआ।
– संदीप कौर, गांव की सरपंच
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