नगर निगमों व कौंसिल की चुनावों को लटकाने के चक्कर में है कांग्रेस
- स्थानीय सरकार विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने दिए संकेत
चंडीगढ़(अश्वनी चावला)। पंजाब विधान सभा चुनावों में बड़ी जीत प्राप्त कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस सरकार नगर निगम व नगर कौंसिलों की चुनावों को लटकाने के चक्कर में है, जिस कारण किसी के साथ किसी अधिकारित काम की रुकावट बताते हुए कांग्रेस सरकार इन चुनावों को नवंबर या फिर दिसंबर में करवाना चाहती है। पंजाब में 4 नगर निगम व 32 नगर कौंसिल वनगर पंचायतों के चुनाव अभी पेडिंग हैं, जिनका कार्यकाल 10 सितम्बर को खत्म हो रहा है।
निकाय मंत्री ने दिए संकेत
कार्याकाल खत्म होने के बाद इन नगर निगमों व नगर कौंसिलों व नगर पंचायतों का कंट्रोल अधिकारी अपने अधीन ले लेंगे। यह संकेत किसी ओर ने नहीं खुद पंजाब स्थानीय सरकार विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए दिए हैं। नवजोत सिद्धू ने बताया कि पंजाब की इन नगर निगमों में वार्ड बंदी का कुछ काम बाकी रह गया है,
जबकि लुधियाना में 4-5 लाख वोटरों का मामला अभी तक सुलझा नहीं है, जिसे उनके द्वारा अगले एक दो सप्ताह ते में सुलझा लिया जाएगा। सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जमीनी स्तर पर काम करते हुए लोगों में जाना चाहती है, इसलिए 10 सितम्बर तक चारों नगर निगमों में कोई दखलअन्दाजी नहीं की जाएगी। इसके बाद संबंधित अधिकारियों को नगर निगम और कौंसिल को अपने अधीन ले लेंगे।
इसीलिए बच रही है कांग्रेस
बताया जा रहा है कि यदि सितम्बर माह में चुनाव करवाए जाएंगे तो कांग्रेस पार्टी को नुक्सान हो सकता है, क्योंकि मानसून सिर पर होने के कारण हर शहर में बरसात के पानी की दिक्कत सहित सड़कों के हुए नुक्सान के कारण आम लोगों आगे जाकर सरकार को जवाब देना कठिन हो जाएगा, चाहे मौजूदा विकास कार्य पिछली सरकार समय हुए हैं परन्तु पंजाब की आम जनता मौजूदा सरकार को ही ज्यादा दोषी मानते हुए चुनावों में हमेशा भाग लेती है।
कांग्रेस पार्टी आम लोगों के गुस्से का सामने करते हुए चुनावों में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती, जिस कारण चुनावों को लटकाने का फैसला कांग्रेस सरकार ने लगभग कर लिया है। इस संबंधी पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ के नेतृत्व में विधायकों की रविवार को बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें विधायकों ने खुद कहा है कि चुनावों को लटकाने में ही फायदा है नहीं तो चुनावों में कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है।
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