नई दिल्ली: 1962 में भारत और चीन की जंग के बाद पहली बार भारत सिक्किम में अपनी फौजी तैनाती बढ़ाने जा रहा है। बता दें कि करीब एक महीने से सिक्किम से लगे चीन बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिकों में टकराव है।
ये सैनिक नॉन कॉम्बेटिव मोड (जंग की पोजिशन में नहीं) में रहेंगे। सिक्किम बॉर्डर पर दादागिरी करने वाले चीन से निपटने के लिए भारत ने कमर कस ली है।
इसके लिए भारत ने सिक्किम के पास के इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए और ज्यादा सैनिकों को नॉन-कांबेटिव मोड में लगाया है, जहां करीब एक महीने से भारतीय सैनिकों का चीनी जवानों के साथ गतिरोध बना हुआ है। यह दोनों सेनाओं के बीच साल 1962 के बाद से सबसे लंबा इस तरह का गतिरोध है।
जंग के हालात पैदा कर रहा चीन
भूटान के कुछ नागरिकों ने सिक्किम और भूटान के इलाके में सड़क बनाने को लेकर विरोध जताया। कहा- चीन इस इलाके में जंग के हालात पैदा कर रहा है। सी. सिंग्ये नाम के एक शख्स ने कहा- चीन भूल रहा है।
कि भूटान एक आजाद देश है, हमारे मामलों में दखल ठीक नहीं। सिंग्ये ने कहा- ये ठीक है कि हम एक छोटे देश हैं लेकिन कोई हमारी जमीन पर कब्जा करने को साजिश रचे, ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत बेहतर पड़ोसी है।
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