ब्रिटेन शीर्ष पर बरकरार
ज्यूरिख (एजेंसी)। स्विट्जरलैंड के बैंकों में रखे धन के मामले में भारत फिसलकर 88वें स्थान पर आ गया है। वहीं ब्रिटेन पहले पायदान पर बना हुआ है। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के ताजा आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार भारतीयों द्वारा रखा गया धन विदेशी ग्राहकों के स्विस बैंकों में रखे कोष का केवल 0.04 प्रतिशत है।
भारत 2015 में 75वें स्थान पर जबकि इससे पूर्व वर्ष में यह 61वें स्थान पर था। वर्ष 2007 तक स्विस बैंकों में विदेशियों के जमा धन के मामले में शीर्ष 50 देशों में शामिल था।
वर्ष 2004 में भारत इस मामले में 37वें स्थान पर था। काले धन की समस्या के समाधान के लिए स्विट्जरलैंड और भारत के बीच सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के लिए नए मसौदे से पहले ज्यूरिख स्थित एसएनबी ने यह आंकड़ा जारी किया। एसएनबी के इन आंकड़ों में इस बात का जिक्र नहीं है कि भारतीयों, प्रवासी भारतीयों या विभिन्न देशों की इकाइयों के नाम पर अन्य ने कितना-कितना धन जमा किया हुआ है।
रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर
दुनिया भर के विदेशी ग्राहकों का स्विस बैंकों में जमा धन मामूली रूप से बढ़कर 2016 में 1,420 अरब स्विस फ्रैंक (सीएचएफ) हो गई, जो इससे पूर्व वर्ष में 1,410 अरब स्विस फ्रैंक थी। देश के हिसाब से देखा जाए तो स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में ब्रिटेन सबसे आगे है। वहां के नागरिकों की जमा राशि 359 अरब स्विस फ्रैंक (25 प्रतिशत) हैं। अमेरिका 177 अरब स्विस फ्रैंक (14 प्रतिशत) के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा किसी अन्य देश की हिस्सेदारी दहाई अंक में नहीं है।
शीर्ष 10 देशों में वेस्ट इंडीज, फ्रांस, बहमास, जर्मनी, गुएर्नसे, जर्सी, हांगकांग तथा लक्जमबर्ग हैं। भारत 67.6 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 4,500 करोड़ रुपये) के साथ 88वें स्थान पर है। लगातार तीन साल गिरावट के बाद यह रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर आ गया है, प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो यह 0.04 प्रतिशत रहा जो 2015 में 0.08 प्रतिशत था। पाकिस्तान 1.4 अरब स्विस फ्रैंक के साथ 71वें स्थान पर है। ब्रिक्स देशों में रूस 19वें स्थान (15.6 अरब स्विस फ्रैंक), चीन 25वें (9.6 अरब डालर), ब्राजील 52वें (2.7 अरब डालर) तथा दक्षिण अफ्रीका 61वें (2.2 अरब स्विस फ्रैंक) स्थान पर है।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।