साइबर हमले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन में
कीव (एजेंसी)। यूक्रेन की सरकारी सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने हाल में अपने देश पर हुए साइबर हमले में रूसी सुरक्षा सेवाओं के शामिल होने का दावा करते हुए रविवार को कहा कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण डाटा को नष्ट करना और दहशत फैलाना था। एसबीयू ने यह भी कहा कि यूक्रेन में गत मंगलवार को शुरू हुए इस साइबर हमले में वही हैकर शामिल था, जिसने दिसंबर 2016 में यूक्रेनी पावर ग्रिड पर हमला किया था। यूक्रेनी राजनेताओं ने हमले के लिए रूस को दोषी ठहराया था, लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता ने आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया।
एसयूबी ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय एंटीवायरस कंपनियों के सहयोग से प्राप्त आंकड़ों सहित उपलब्ध आंकडों से हमारे पास यह विश्वास करने का पर्याप्त कारण है कि साइबर हमलों में वही हैकिंग समूह शामिल हैं, जो दिसंबर 2016 में यूक्रेन की वित्तीय प्रणाली, परिवहन और ऊर्जा सुविधाओं पर टेलीबोट्स और ब्लैक एनर्जी का इस्तेमाल कर रही थी।’ उन्होंने कहा, ‘यह इस साइबर हमले में रूस की विशेष सेवाओं की भागीदारी का भी सबूत देता है।’ गौरतलब है कि ‘वानाक्राई रैनसमवेयर’ जैसे वायरस ने पूरी दुनिया पर बड़ा साइबर हमला किया था। इस साइबर हमले का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन में हुआ, जहां सरकारी मंत्रालयों, बिजली कंपनियों और बैंक के कंप्यूटर सिस्टम में बड़ी खराबी आई थी।
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