नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने को लेकर हो रहे विरोध के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कुछ नया करने पर शुरू में दिक्कतें आती हैं, लेकिन उसमें सुधार कर लिया जाता है। जीएसटी लागू होने से चंद घंटे पहले यहां एक टेलीविजन चैनल के सम्मेलन में जेटली ने कहा कि पिछले 70 साल में किसी विधेयक पर इतनी बहस नहीं हुई है जितनी जीएसटी पर हुई है। इसके लागू होने को बड़ा मौका बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़े कदमों से ही देश की तकदीर बदलती है।
नेताओं की अहम भूमिका
इसे लागू करने में कई नेताओं की अहम भूमिका रही है। कई राज्यों के मंत्रियों ने इसे पास कराने में काफी मदद की है। इस पर सबकी सहमति के लिए सरकार ने कई बैठकें कीं। कई बैठकें तो दो-तीन दिन तक चली। देश की आजादी के बाद जीएसटी को सबसे बड़े आर्थिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है। जेटली ने कहा कि जीएसटी पर सब कुछ केन्द्र ने तय नहीं किया है। केन्द्र सरकार के साथ 31 राज्य सरकारों ने कई दौर की बैठकों के बाद इस पर आम सहमति बनाई है।
जीएसटी को लेकर लोगों में घबराहट की जिक्र करते हुए जेटली ने कहा हम एक नयी व्यवस्था में आ रहे हैं। इसकी वजह से लोगों में घबराहट है। व्यापारियों की दिक्कतों पर उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत सभी रिटर्न सॉफ्टवेयर से भरे जायेंगे। इससे उनको कोई दिक्कत नहीं होगी। देश का एक बड़ा व्यापारी वर्ग नयी कर व्यवस्था के पक्ष में है।
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