लूट राशि में से 20 से 25 लाख आनन्दपाल को देने की बात कबूली
- 75.5 लाख की डकैती का पर्दाफाश
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। शुक्रवार को जिला पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी। पुलिस ने जिले के भादरा कस्बे में पिछले वर्ष हुई 75.5 लाख की डकैती का पर्दाफाश करते हुए कुख्यात अपराधी आनन्दपाल गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आनन्दपाल के दोनों भाइयों भूपेन्द्र पाल उर्फ विक्की, देवेन्द्रपाल सिंह उर्फ गुट्टू ने अपने गैंग के सदस्यों व स्थानीय अपराधियों के साथ मिलकर इस लूट की घटना को अंजाम दिया था।
पकड़े गए बदमाशों की पहचान रामस्वरूप पुत्र ओमप्रकाश कुम्हार निवासी करणपुरा भादरा, मनोज कुमार पुत्र दारासिंह पूनिया जाट निवासी वार्ड पांच हाथीपुराबास भादरा, मनोज कुमार खेमका पुत्र पूनमचन्द महाजन निवासी साहवा बस अड्डा के पास भादरा व सुनील कुमार पुत्र विजय सिंह सिद्धू जाट निवासी ढाबी खुर्द भट्टू कलां फतेहाबाद हरियाणा के रूप में हुई।
क्या बोले पुलिस अधीक्षक
भादरा पुलिस थाने में हुई प्रेस वार्ता में जिला पुलिस अधीक्षक यादराम फांसल ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मामले का खुलासा किया। एसपी फांसल ने बताया कि 29 नवम्बर 2016 को बालाजी एसोसिएट भादरा के प्रोपराईटर विकास कुमार पुत्र किशन लाल जांगिड़ निवासी वार्ड 18 भादरा ने भादरा थाने में रिपोर्ट दी थी कि वह अपने कर्मचारी आईदान के साथ अपनी फर्म के माल विक्रय से प्राप्त राशि 75 लाख 50 हजार रुपए भादरा बैंक के खाते में जमा करवाने के लिये 27 नवम्बर की रात दिल्ली से 28 नवम्बर को करीब सवा दो बजे पुराने बस स्टैंड भादरा उतरा।
घर से थोड़ी दूरी पर पहुंचे तो पीछे से आई गाड़ी में सवार 3-4 नौजवानों ने घेर लिया। एक ने कनपटी पर पिस्तौल लगाते हुए दोनों को गाड़ी में डालकर ले गए। आंखों पर पट्टी बांध कई देर तक घूमाते रहे। फिर उनके पास से 75.5 लाख रुपए से भरे बैग, मोबाइल की सिम व बैटरी निकाल भादरा-भिरानी रोड पर गांव जोगीवाला से कुछ दूरी पर डालकर भाग गए। इस पर भादरा पुलिस थाने में अज्ञात के खिलाफ भादंसं की धारा 392, 365 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
नाम व जाति बदलकर रह रहे थे अपराधी
आनन्दपाल के भाई स्थानीय अपराधियों के सम्पर्क में रहकर भादरा एवं भादरा के आसपास के क्षेत्र के गांवों, शहरों गोगामेड़ी, करणपुरा, लाखणवास, खचवाना, नेठराना, शेरपुरा, सिरसा व सिरसा जिले के गांवों में फरारी काट रहे थे। वे यहां पर अपने नाम बदलकर रह रहे थे। रूपेन्द्र पाल उर्फ विक्की अपना नाम विजेन्द्र सहारण, देवेन्द्र पाल उर्फ गुट्टू अपना नाम सतपाल गोदारा, बलवीर सिंह अपना नाम सन्दीप व तेजपाल सिंह शेखावत अपना नाम राजेश चौधरी बताकर रह रहा था।
आनन्दपाल गैंग के उक्त चारों बदमाश स्कॉर्पियों व बोलेरो गाड़ियां, मोटर साइकिल एवं हथियार पिस्तौल, रिवॉल्वर वगैरह छिपाकर रखते थे। इनसे दिन में ईधर उधर घूमते व रात के समय अपने विश्वसनीय लोगों के पास विश्राम करते हैं। जो अधिकतर सूर्यास्त के बाद अपने ठिकाने पर आते हैं व सूर्योदय से पूर्व निकल जाते हैं तथा रोजाना ठिकाने बदलते रहते हैं। इनके बारे में पहले लोगों को जानकारी नहीं थी लेकिन लोगों को बदमाश होने का शक था जो उनके भय से कोई जानकारी नहीं दे रहे थे।
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