गदान देने वाला पहला देश बना
संयुक्त राष्ट्र (एजेंसी)।भारत ने संयुक्त राष्ट्र के कोष में 1,00,000 डॉलर का योगदान दिया है। यह कोष विकासशील देशों को सक्रिय रूप से कर मुद्दों पर विचार-विमर्श में भागीदारी में मदद के लिए है। इस कोष में योगदान देने वाला भारत पहला देश हो गया है। कर मामलों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र न्यास कोष को भारत से पहला स्वैच्छिक वित्तीय योगदान मिला है।
संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यालय के वित्तपोषण कार्यालय के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के कार्यालय ने यह जानकारी दी। यह कोष कर मामलों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए विशेषज्ञों की समिति को उनके कामकाज में मदद देगा। संयुक्त राष्ट्र और समिति ने इसमें स्वैच्छिक योगदान मांगा था। भारत इस पर प्रतिक्रिया देने वाला पहला देश हो गया है और उसने इस कोष में एक लाख डॉलर का शुरुआती योगदान दिया है।
संरा में नरसंहार हथियारों तक आतंकियों की पहुंच पर भारत ने जताई चिंता
भारत ने ऐसी साठगांठ की संभावना पर गहरी चिंता जताई है जिसके चलते व्यापक नरसंहार के हथियार आतंकी नेटवर्कों तथा राज्येतर तत्वों के हाथ लग सकते हैं। साथ ही आतंकवाद से निबटने के लिए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन में बातचीत को जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने की मांग उठाई।
संरा में भारत के उप स्थाई प्रतिनिधि राजदूत तन्मय लाल ने यहां कहा कि व्यापक नरसंहार के हथियार तक पहुंच और इन्हें राज्यतर तत्वों के हाथों में पड़ने से रोकना लगातार चिंता का विषय बना हुआ है खासकर इसलिए कि आतंकी समूहों और राज्यतर तत्वों की जड़ें बहुत गहरी हो चुकी हैं और वे आतंक फैलाने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने कहा कि व्यापक नरसंहार के हथियारों के प्रसार की घटनाओं से हम सब परिचित हैं। ऐसी मिलीभगत हमारे लिए वास्तविक चिंता का विषय बनी हुई है। इस गंभीर खतरे से प्रभावी तथा सतत अंतरराष्ट्रीय सहयोग, समन्यव और निगरानी के जरिए ही निबटा जा सकता है।
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