आतंकवाद को मिलकर करेंगे खत्म
- अमेरिकी राष्ट्रपति ने सपरिवार आने का निमंत्रण सहर्ष स्वीकारा
वॉशिंगटन (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मेहमान थे। व्हाइट हाउस में डोनाल्ड और मेलानिया ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। मोदी दुनिया के पहले नेता हैं, जिनके लिए ट्रंप ने व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन किया। दोनों नेताओं के बीच द्वीपक्षीय और वैश्विक हित के मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई। ट्रंप ने मोदी को महान नेता और भारत को अमेरिका का सच्चा दोस्त बताया।
मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका वैश्विक विकास के इंजन हैं और ट्रंप की मेक अमेरिका ग्रेट अगेन और उनके न्यू इंडिया मिशन से दुनिया की बेहतरी में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने ट्रंप को सपिरवार भारत आने का न्यौता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। अब दोस्ती का नया अध्याय दिल्ली में लिखा जाएगा। जिस पर पूरी दुनिया की निगाह रहेगी। पीएम मोदी अमेरिका के बाद नीदरलैंड के दौरे पर पहुंच गए।
आतंकवाद के खिलाफ आए साथ-साथ
मोदी-ट्रंप की पहली मुलाकात में आतंकवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत करीब 40 मिनट चली। साझा बयान में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत दोनों आतंकवाद से प्रभावित हैं। भारत के साथ सुरक्षा साझेदारी बेहद अहम है। हम चरमपंथी इस्लामी आतंकवाद का खात्मा करेंगे। भारत और अमेरिका ने साझा बयान में पाकिस्तान से कहा कि वह पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूहों द्वारा किए 26/11 हमले, पठानकोट हमले और अन्य सीमा पार हमलों में शामिल साजिशकर्ताओं को शीघ्र न्याय के दायरे में लाए।
भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान से ये भी कहा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकियों की शरणस्थली के रूप में किए जाने से रोके। पड़ोसी देश पाकिस्तान की आतंक नीति के खिलाफ भी अमेरिका खुलकर साथ आया है। हिज्बुल समेत तमाम आतंकी संगठनों और डी कंपनी को पाकिस्तान से मिल रहे समर्थन का भी जिक्र किया गया है साथ ही पाकिस्तान को इनके समर्थन से बचने की चेतावनी दी गई है।
अफगानिस्तान में स्थिरता बढ़ाने पर देंगे जोर
अमेरिका ने अफगानिस्तान की स्थिरता में भारत की बढ़ती भूमिका की सराहना की। ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में बढ़ती अस्थिरता हमारे लिए चिंता का विषय है। दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान कहा कि अफगानिस्तान में शांति-स्थिरता, प्रगति के लिए मिलकर काम करेंगे। ये पाकिस्तान और चीन के गठजोड़ के लिए बड़ा झटका है।
वैश्विक मंच पर भारत की बड़ी भूमिका को समर्थन
भारत और अमेरिका मध्य पूर्व के देशों के साथ सहयोग बढ़ाने में भी एक दूसरे का साथ देंगे। दोनों देशों ने उत्तर कोरिया की भड़काऊ नीतियों की आलोचना की और उसके परमाणु कार्यक्रम को क्षेत्रीय और दुनिया के लिए खतरा बताया। इसके अलावा डिजिटल मिशन, तकनीकी विकास और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भी दोनों देशों ने मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
एफ-16 के बाद गार्डियन ड्रोन डील को मंजूरी
अमेरिका ने भारत को बड़े डिफेंस साझेदार के रूप में स्वीकार किया है। अभी हाल ही में अमेरिका एफ-16 विमान के भारत के निर्माण को लेकर समझौता हुआ। इसके बाद अब मोदी के दौरे के दौरान अमेरिका से नेवी के लिए गार्डियन ड्रोन को लेकर डील को भी मंजूरी मिल गई। चीन और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की रक्षा ताकत को इससे और मजबूती मिलेगी।
भारत और अमेरिका वैश्विक विकास के इंजन हैं और ट्रंप की मेक अमेरिका ग्रेट अगेन और उनके न्यू इंडिया मिशन से दुनिया की बेहतरी में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
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