राजकीय सम्मान से किया अंतिम संस्कार
हथीन (Sach Kahoon News)। समीपवर्ती गांव कलसाडा के निवासी 54 वर्षीय विरेंद्र सिंह जोकि असम राईफल्स में सूबेदार ड्राईवर के पद पर कार्यरत था उसकी ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई।
विरेंद्र सिंह की तैनाती वर्तमान में मेघालय की राजधानी शिलांग स्थित असम राईफल्स के एक ट्रेनिंग सेंटर पर थी। असम राईफल्स के कमांडेंट आॅफिसर पन्नालाल थापा ने बताया कि शनिवार की सायंकाल सात बजे अचानक विरेंद्र को पेट में सीने के पास दर्द की शिकायत हुई। उसे तुरंत ही शिलांग स्थित निगरी अस्पताल में ले जाया गया।
जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रविवार को उसका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम में हार्ट आरटिलरी ब्लॉक होने की रिपोर्ट आई है। सैनिक के पार्थिव शरीर को इंडिगो की फ्लाइट से लाया जा रहा है जोकि रात को 11 बजे तक दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुचा, जहां से उसके शव को गांव कलसाडा में लाया गया, जैसे ही गांव में सैनिक का पार्थिव शरीर आया तो गांव में मातम छा गया।
सैनिक के अंतिम संस्कार में केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला, पूर्व मंत्री हर्ष कुमार के पुत्र विश्व कुमार उर्फ भालू, बसपा नेता तैयुब हुसैन भीमसीका, जिला पार्षद महिपाल बंधु, भाजपा नेता कर्नल राजेन्द्र सिंह रावत सहित इलाके के काफी गणमान्य लोगों के अलावा अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने केन्द्रीय मंत्री से की शहीद का दर्जा दिलाने की मांग
सैनिक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से मृतक सैनिक को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग की। उनका कहना था कि विरेंद्र सिंह घर से हजारों किलोमीटर दूर तैनात थे।
उन्हें शहादत की सारी सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध कराई जाए। केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वे इसके लिए प्रयास करेंगे। मृतक विरेंद्र के भाई सूबे सिंह एडवोकेट ने बताया कि उक्त विरेंद्र सिंह 1985 में असम राईफल्स में भर्ती हुए थे। वे अपने पीछे पत्नी मूर्ति, दो पुत्रों विष्णु और महेश तथा पुत्री अंजलि को छोड गए हैं। अंजलि शादीशुदा है। विरेंद्र सिंह की असामयिक मौत से पूरे गाँव में मातम का माहौल बन गया है।
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