रूझानकिसानों को कपास की बिजाई से अधिक झाड़ व अच्छे भाव मिलने के आसार
- धान की रोपाई गत वर्ष की अपेक्षा 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफलहुआ कम
- मजदूर न मिलने से किसान हो रहे हैं परेशान
लम्बी (मेवा सिंह)। पंजाब में धान की रोपाई का काम सरकार के आदेशों के अनुसार किसानों ने चाहे 15 जून से शुरू कर दिया है लेकिन इसके साथ ही किसान अब कपास की फसल को लेकर क्षेत्रफल बढ़ा रहे हैं।
कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार किसानों ने 15 जून से आज तक करीब 30 प्रतिशत धान की रोपाई कर ली गई है। विभिन्न गांवों के किसानों कुलदीप सिंह माहूआना, जगमीत सिंह नीटू तप्पाखेड़ा, बलजिन्दर सिंह और धरत सिंह फतेहपुर ने बताया कि धान की रोपाई का काम तो सभी क्षेत्रों में शुरू हो गया है, परंतु सभी क्षेत्रों में एक ही समय में धान की रोपाई का काम शुरू होने से किसानों को धान की रोपाई के लिए मजदूर न मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों ने बताया कि पिछले वर्षाें के दौरान जरूरत अनुसार हुई बरसात से लोगों का रूझान अब कपास की फसल की तरफ भी बढ़ रहा है।क्योंकि कपास की फसल को बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती और धान की फसल से कमाई भी कुछ अधिक होती है।
कपास की खेती 35 हजार हैक्टेयर से बढ़कर हुई 65 : कृषि अधिकारी
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जिले में किसानों में कपास की कृषि की तरफ रूझान बढ़ने का एक कारण यह भी है कि पिछले 2 वर्षांे में बरसात कम हुई हैं, जिस कारण कपास की फसल बहुत अच्छी हुई है।
उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले जब जिला श्री मुक्तसर साहब जो कि सेम की चपेट में नहीं आया था तो उस समय जिले के कुल क्षेत्रफल में से कपास की कृषि का क्षेत्रफल 70 हजार हेक्टेयर था। जैसे-जैसे जिला सेम की चपेट में आता गया, वैसे-वैसे कपास की कृषि घटकर 35 हजार हैक्टेयर तक ही सीमित रह गई थी, और लोगों को मजबूरीवश धान की कृषि का क्षेत्रफल बढ़ाना पड़ा।
बेअंत सिंह ने कहा कि कम बरसात और पानी का स्तर नीचे जाने कारण किसानों ने इस बार कपास की कृषि 35 हजार हैक्टेयर से बढ़ाकर 65 हजार हैक्टेयर तक पहुुंचा दी है।
1 लाख 35 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में रोपित की जा रही है धान की फसल
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जिले के लगभग 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से इस बार एक लाख 35 हजार हैक्टेयर में धान की फसल, जिसमें बासमती व परमल धान की फसल किसानों द्वारा रोपित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस बार बासमती के क्षेत्रफल में पिछले साल की अपेक्षा करीब 10 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है। पिछले साल जिले में बासमती फसल के अधीन 35 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल था, जो इस बार 45 हजार हैक्टेयर से करीब 50 हजार हैक्टेयर तक पहुंचने की संभावना है।
कृषि अधिकारी बेअंत सिंह ने बताया कि इस वर्ष धान की रोपाई अधीन पिछले वर्ष के मुकाबले कपास की कृषि का क्षेत्रफल बढ़ा है, जिसका कारण पिछले साल एक एकड़ में कपास की आमदन करीब 60 हजार होने के कारण उत्साह में आए जिले के किसानों द्वारा कपास की कृषि धान की कृषि मुकाबले क्षेत्रफल बढ़ाकर बिजाई की गई है।
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