दहाड़े किसान, मजदूर व कर्मचारी, किसानों ने दोहराई कर्ज माफी की मांग
- मजदूरों ने मांगी सुविधाएं तो कर्मचारियों ने उठाई सातवें वेतन की मांग
हिसार(सच कहूँ न्यूज)। मध्यप्रदेश के किसानों के समर्थन में जिला मुख्यालय पर किसान सभा के बैनर तले चल रहा अनिश्चितकालीन धरना सोमवार को आठवें दिन में प्रवेश कर गया। सोमवार को बालसमंद तहसील के किसान धरने पर मौजूद रहे। किसान गाडियों व टैक्ट्ररों में धरने पर पहुंचे। धरने की अध्यक्षता बालसमंद तहसील के प्रधान कृष्ण गावड़ ने की। धरने को संबोधित करते हुए राज्य वित्त सचिव प्रदीप सिंह ने कहा कि यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक मध्यप्रदेश के किसानों की मांगों को वहां की सरकार मान नहीं लेती।
किसान सभा के जिला प्रधान मास्टर मोलड़ सिंह आर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी जनसभाओं में कई बार कहा था कि किसानों के कर्जे माफ किए जाएंगे व फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाएगा, लेकिन केंद्र सरकार के वित्त मंत्री अरूण जेटली कह रहे हैं कि किसानों के कर्जे माफ नहीं किए जा सकते। धरने को सूबेसिंह बूरा, पूर्व जिला पार्षद कामरेड सुरेश कुमार, राजकुमार ठोलेदार लाडवा, धर्मवीर कंवारी, रामानंद यादव, रामस्वरूप सरसाना, कर्मसिंह कंवारी, सालीगराम तहसील प्रधान उकलाना, हरिसिंह आदि किसान नेताओं ने भी संबोधित किया।
मजदूरों पर खर्च नहीं हो रही कल्याण बोर्ड की 2300 करोड़ की राशि
कल्याण बोर्ड में 2300 करोड़ रुपए जमा है जबकि मजदूरों पर पिछले 10 साल में 100 करोड़ भी खर्च नही किए गए है। उन्होंने कहा कि कल्याण बोर्ड की ओर से 22 प्रकार की सुविधांए देने का ढिढ़ोरा पिटा जा रहा है, जबकि धरातल पर स्थिती इसके विपरित है। उन्होंने कहा कि आॅन लाईन सुविधा पर भी पिछले 15 महीनों से रोक लगी हुई है, जिसके खिलाफ प्रदेशभर में निर्माण मजदूर लगातार आंदोलन कर रहे है।
इन्हें नहीं मिल रहा सातवें वेतन आयोग का लाभ
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सभी विभागों में भारी संख्या में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों, परियोजनाओं में कार्यरत आशा वर्कर, मिड डे मील, आंगनवाड़ी वर्करों को भी सातवें वेतन आयोग के लाभ से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में ठेका प्रथा, निजीकरण, आऊट सोर्सिंग नीतियों के तहत बड़े-बड़े ठेकेदारों व कंपनियों के हवाले किया जा रहा है और सरकार आम जनता को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं को पूंजीपतियों तक सीमित करना चाहती है। सरकार की कार्यप्रणाली के खिलाफ 23 जून को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष सांकेतिक धरना दिया जाएगा।
घोषणाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित: देशराज
उधर भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा जिला हिसार ने अपनी मागों को लेकर लघुसचिवालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए राज्य अध्यक्ष देशराज ने कहा कि जो घोषणाए सिर्फ कागजों तक ही सीमीत है, उनका धरातल पर इनका कोई ओचित्य दिखाई नही दे रहा, मजदूरों का पैसा मजदूरों पर खर्च किया जाना चाहिए। मजदूरों को संबोधित करते हुए जिला प्रधान वेदप्रकाष शर्मा ने कहा कि सरकार निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड में जमा पैसे को निर्माण मजदूरों पर खर्च करने की बजाय अन्य स्थानों पर खर्च कर रही है।
कर्मचारियों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
वहीं हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के आहवान पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों लागू करने की मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ ने लघुसचिवालय परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान मांगों को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान सुरेंद्रमान ने की। धरने को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान धर्मवीर फौगाट व राज्य कमेटी के पदाधिकारी आरसी जग्गा ने बताया कि 29 मार्च को प्रदेश के कर्मचारियों की मांगों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के शिष्टमण्डल के साथ बातचीत में सहमति के बाद भी आज तक सातवें वेतन आयोग मिलने से वंचित हैं।
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