सड़कों पर उतरे किसान-मजदूर और डिप्टी कमीश्नर कार्यालय का किया घेराव
संगरूर (गुरप्रीत सिंह)। जलूर जबर विरोधी एक्शन कमेटी के आह्वान पर सैकड़ों मजदूरों व किसानों ने डीसी दफ्तर के समक्ष धरना लगाया। धरने के उपरांत एसएसपी दफ्तर के समक्ष मार्च करते हुए किसानों व मजदूरों शहीद माता गुरदेव कौर के कातिलों को गिरफ्तार करने की मांग की।
जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के प्रधान मुकेश मलौद, भाकियू उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां, क्रांतिकारी ग्रामीण मजदूर यूनियन के प्रधान संजीव मिंटू, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के प्रांतीय प्रधान जोरा सिंह नसराली, भाकियू क्रांतिकारी के प्रांतीय कोषाध्यक्ष सरमुख सिंह, किरती किसान यूनियन के प्रांतीय नेता
जतिंदर खन्ना ने कहा कि लंबे समय बीतने के बाद भी प्रशासन की तरफ से जलूर कांड व माता गुरदेव कौर के कथित कातिल आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाए उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। शहीद माता गुरदेव कौर के संस्कार मौके प्रशासन से सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने, मजदूरों के खिलाफ दर्ज सभी मामले रद करने, मजदूरों के हुए नुकसान का मुआवजा देने, मजदूरों को जमीन देने का भरोसा दिलाया था,
किंतु प्रशासन की तरफ से इसके विपरीत मजदूरों की बोली में रुकावट डालने के लिए कातिलों को शह दी जा रही है। मजदूरों की बोली में खलल डालने के लिए कातिलों को शह दी जा रही है व मजदूरों को समझौते के लिए दबाव डालने के लिए पुलिस में भर्ती हुए नौजवानों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करके संघर्ष को दबाने की नाकाम कोशिशें कर रहे हैं।
प्रांतीय कमेटी की तरफ से मध्य प्रदेश में किसानों पर गोलियां चलाने की सख्त शब्दों में निंदा की। उन्होंने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के समय जो अत्याचार मजदूरों किसानों पर हुए, वह आज भी जारी हैं। उन्होंने कहा कि मांगें माने जाने तक संघर्ष जारी रहेगा।
यातायात ठप होने से लोग परेशान
जिला प्रबंधकीय परिसर के समक्ष धरने के दौरान आवाजाही को पूर्ण तौर पर बंद करने की वजह से जहां राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं जिला प्रबंधकीय परिसर का मुख्य गेट बंद करने से लोगों को अंदर जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ी। जिला प्रबंधकीय परिसर के समक्ष रिहायशी इलाका होने के कारण लोगों का मोहल्ले से निकलकर बाहर जाना भी दुश्वार हो गया।
यहां हर दिन लगने वाले धरनों से जिला प्रबंधकीय परिसर रोड के दुकानदार भी बेहद परेशान हैं। इस समस्या के समाधान के लिए बेशक प्रशासन से बार-बार गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद धरनाकारियों की ओर से हर दिन बंद की जानी वाली आवाजाही शहर निवासियों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है।
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