हजारों यात्रियों को करना पड़ा परेशानी का सामना
चंडीगढ़। निजी बस संचालकों से परमिट वापस लेने की मांग को लेकर चक्का जाम के आह्वान और एक दिन के बंद के कारण हरियाणा रोडवेज की 4,000 से अधिक बसें मंगलवार को सड़कों पर नहीं उतरी। 2016-17 परिवहन नीति के अन्तर्गत परमिट दिए जाने के विरोध में हड़ताल के कारण हरियाणा रोडवेज की बसों पर निर्भर रहने वाले हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नेता सरबत सिंह पूनिया ने बताया कि पूरे राज्य में बंद है और लग्जरी वोल्वो बसों सहित 4,000 से अधिक बसें सड़कों पर नहीं उतरी। हम निजी संचालकों को परमिट देने कि सरकार की नीति का विरोध कर रहे हैं। सरकार रोडवेज का निजीकरण करने की योजना बना रही है। गतिरोध को रोकने के लिए पिछले दो महीनों के दौरान राज्य सरकार और हड़ताली कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल सका।
राज्य परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने दोपहर चंडीगढ़ में यूनियन के नेताओं की एक बैठक बुलाई है। पुनिया ने बताया कि हमें बैठक के लिए बुलाया गया है, लेकिन हमारी भविष्य की कार्रवाई इन बातचीत के परिणामों पर निर्भर करेगी। पूर्व में भी सरकार ने प्रतिबद्धता जताई है लेकिन यह मुकाम पर पहुंचने में असफल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आज की बातचीत असफल रहती है तो हड़ताली कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
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