अटारी/मुजफ्फरनगर – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के दिए गए निर्देशों का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। भारत आए कई पाकिस्तानी नागरिक अब अटारी बॉर्डर के रास्ते स्वदेश लौटने लगे हैं। इसी क्रम में मोहम्मद रशीद, जो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक पारिवारिक शादी में शामिल होने आए थे, अब वापस पाकिस्तान रवाना हो गए हैं। Punjab News
मोहम्मद रशीद ने बताया कि वे करीब दस वर्षों बाद भारत आए थे और उनकी भांजी की शादी 26 अप्रैल को होनी थी। उनका इरादा लगभग डेढ़ महीने तक रुकने का था, लेकिन देश में बदले हालातों के कारण उन्हें महज़ 15 दिनों के भीतर लौटना पड़ा। रशीद ने यह भी बताया कि उनका भारत आना केवल पारिवारिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए था, जिनमें शादी और अपने भाई की बरसी शामिल थी।
इस तरह की घटनाएं निंदनीय हैं | Punjab News
उन्होंने कहा, “हमें कश्मीर की घटना की जानकारी शुरुआत में नहीं थी, लेकिन जब पता चला कि निर्दोष लोगों की जान गई है, तो मन बहुत व्यथित हो गया। इस तरह की घटनाएं निंदनीय हैं और कोई भी सभ्य समाज उनका समर्थन नहीं कर सकता।” रशीद ने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि आम पाकिस्तानी नागरिक भारत के लोगों के लिए स्नेह और सम्मान की भावना रखते हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग आतंक फैलाते हैं, उनका किसी धर्म या इंसानियत से कोई नाता नहीं होता। वे केवल अपने स्वार्थ के लिए मासूम लोगों की ज़िंदगियाँ तबाह करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अपराधी चाहे भारत का हो या पाकिस्तान का, उसे कानून के अनुसार सज़ा मिलनी ही चाहिए। साथ ही यह भी जोड़ा कि किसी एक देश की जनता को सामूहिक रूप से दोषी ठहराना उचित नहीं है। भारत से विदा लेते समय मोहम्मद रशीद के चेहरे पर अधूरा मिलन और असमाप्त भावना की झलक स्पष्ट थी। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में हालात बेहतर होंगे और दोनों देशों के लोग पारिवारिक और सांस्कृतिक संबंधों को सहजता से निभा सकेंगे। Punjab News
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