Share Market News: मुंबई (एजेंसी)। अमेरिका के स्मार्टफोन, कंप्यूटर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों में टैरिफ पर छूट दिए जाने के साथ ही मैक्सिको, कनाडा और अन्य देशों से आने वाले वाहनों और उनके पुर्जों पर लगने वाले शुल्क में संशोधन पर विचार करने के संकेत से विश्व बाजार समेत स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह साढ़े चार प्रतिशत के उछाल पर घरले शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजे से तय होगी। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 3395.94 अंक अर्थात 4.5 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर तेरह कारोबारी सत्र के बाद 78 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 78553.20 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 1023.1 अंक यानी 4.5 प्रतिशत मजबूत होकर 23851.65 अंक पर बंद हुआ।
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समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप सप्ताहांत पर 1706.24 अंक अर्थात 4.23 प्रतिशत की तेजी लेकर 41980.48 अंक और समॉलकैप 2148.31 अंक यानी 4.7 प्रतिशत उछलकर 47946.66 अंक हो गया। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह छुट्टियों के कारण महज तीन के कारोबार में घरेलू शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ फैसलों में स्थिरता, स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे उत्पादों पर छूट, और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लगातार जारी निवेश प्रवाह ने इस तेजी को समर्थन दिया। इसके साथ ही सामान्य से बेहतर मानसून की भविष्यवाणी और अनुकूल मुद्रास्फीति दृष्टिकोण ने बाजार की धारणा को और मजबूत किया।
बीते सप्ताह बैंक निफ्टी ने तेजी की अगुवाई की, जो जमा दरों में कटौती और सकारात्मक ब्याज मार्जिन दृष्टिकोण से प्रेरित था। यह सूचकांक अब अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे यह निवेशकों का पसंदीदा विकल्प बन गया है। भारत अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद के प्रभाव से उबरने वाला पहला प्रमुख बाजार बनकर उभरा है, जिससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा और गहराया है। वहीं, विश्लेषकों का मानना है कि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में कंपनियों विशेष रूप से निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों में आय वृद्धि सुस्त रह सकती है। ऐसे में निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बैंकिंग, कंज्यूमर गुड्स, हेल्थकेयर, इन्फ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट जैसे घरेलू मांग-आधारित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें।
अगले सप्ताह में कंपनियों के वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के जारी होने वाले परिणाम और प्रबंधन की टिप्पणियां बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी। आनेवाले सप्ताह में मारुति, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक, इंडियन बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया, टेक महिंद्रा, बजाज हाउसिंग फाइनेंस और हैवेल्स समेत कई दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं।
बीते सप्ताह सोमवार को अंबेडकर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के उपलक्ष्य में अवकाश रहने से बाजार में तीन दिन ही कारोबार हुआ और तीनों दिन तेजी रही। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के स्मार्टफोन, कंप्यूटर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों में टैरिफ पर छूट दिए जाने के साथ ही मैक्सिको, कनाडा और अन्य देशों से आने वाले वाहनों और उनके पुर्जों पर लगने वाले शुल्क में संशोधन पर विचार करने के संकेत से हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 1577.63 अंक की उड़ान भरकर 76,734.89 अंक और निफ्टी 500.00 अंक उछलकर 23328.55 अंक पर पहुंच गया।
अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव से विश्व बाजार में गिरावट आने के बावजूद स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, दूरसंचार, बैंकिंग और तेल एवं गैस समेत सत्रह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 309.40 अंक की छलांग लगाकर 77,044.29 अंक और निफ्टी 108.65 अंक की बढ़ोतरी लेकर 23437.20 अंक पर बंद हुआ। अमेरिका और चीन के बीच आयात शुल्क (टैरिफ) को लेकर चल रही जवाबी कार्रवाई से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध की आशंका के बावजूद भारत के टैरिफ से अपेक्षाकृत कम प्रभावित होने की बदौलत स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 1508.91 अंक की तेजी के साथ 78,553.20 अंक और निफ्टी 414.45 अंक की छलांग लगाकर 23851.65 अंक पर पहुंच गया।