भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने आखिर मान लिया कि मंदसौर में भड़के किसान आंदोलन में पांच लोगों की मौत पुलिस की गोली से ही हुई थी। गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बातचीत में कहा कि 5 किसानों की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई है। जांच में इसकी पुष्टि हुई है। राज्य सरकार की तरफ से घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने के साथ ही मृतकों के परिजनों के लिए एक करोड़ रुपये सहायता राशि और नौकरी की घोषणा की गई है।
मंदसौर में आरएएफ के 1100 जवान तैनात
हिंसा प्रभावित मंदसौर जिले में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की टुकड़ियों को तैनात किया गया है। जिले में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस ने कहा कि मंदसौर के पिपलियामंडी में आरएएफ की दो कंपनियों को भेजा गया है। एक कंपनी में करीब 100 कर्मी शामिल हैं। गरोथ क्षेत्र में आरएएफ की दो कंपनियों को तैनात किया गया है जबकि दो अन्य कंपनियों को मोहू-नीमच राजमार्ग पर किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैनात किया गया है। रतलाम रेंज के उप महानिरीक्षक अनिवाश शर्मा पिपलियामंडी में बने हुए हैं। केंद्र ने आरएएफ के 1,100 कर्मियों को हिंसा प्रभावित राज्य में भेजा है।
मंदसौर के डीसी व एसपी का तबादला
62 लोग हिरासत में, सात मामले दर्ज
मध्य प्रदेश के हिंसाग्रस्त जिले में किसान आंदोलन के संबंध में वीरवार को सात मामले दर्ज किए गए और 62 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि हिंसा की विभिन्न घटनाओं के संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं। जिले में गोलीबारी के मद्देनजर त्रिपाठी का तबादला किया गया है। त्रिपाठी ने नए कलेक्टर ओ पी श्रीवास्तव के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ लोगों को बुधवार को बरहेडा पंत इलाके में मंदसौर के पूर्ववर्ती कलेक्टर एस के सिंह के साथ धक्का-मुक्की करने के मामले में भी हिरासत में लिया गया है। पिपलिया मंडी के नगर निरीक्षक अनिल सिंह ठाकुर को किसानों पर गोलीबारी के संबंध में फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है। राकेश चौधरी को नए नगर निरीक्षक के तौर पर स्थानांतरित किया गया है।
किसानों की क्या हैं मांगेंं?
किसान जमीन के बदले मुआवजे के लिए कोर्ट जाने का अधिकार देने, फसल पर आए खर्च का डेढ़ गुना दाम देने, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, कर्ज माफ करने और दूध खरीदी के दाम बढ़ाने सहित 20 सुत्री मांगों को लेकर 1 जून से आंदोलन शुरू किया था। इसी बीच, 6 जून को पुलिस की गोलीबारी में 5 किसानों की मौत हो गई, जिसके बाद आंदोलन हिंंसक हो गया।
19 साल पहले भी प्रदर्शन में गई थी 18 जानें
इससे पहले मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में 1998 में किसानों ने इस तरह का आंदोलन किया था। 12 जनवरी 1998 को प्रदर्शन के दौरान 18 लोगों की मौत हुई थी। किसान बाढ़ से हुई फसलों की बर्बादी के लिए 5000 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजे और कर्ज माफी की मांग कर रहे थे। उस वक्त राज्य में कांग्रेस सरकार थी।
बातचीत के लिए सरकार तैयार: शिवराज
मंदसौर में भड़की हिंसा एवं आगजनी के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से फिर शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान से लिए उनसे बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार है। चौहान ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की सरकार है, जनता की सरकार है। वह हमेशा जनता और किसानों के लिए काम करते रहेंगे।
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