New Railway Line: यहां बिछेगी नई रेलवे लाइन, खर्च होंगे 440 करोड़ रुपये, 14 स्टेशन नए बनेंगे, किसानों की जमीनों का होगा अधिग्रहण

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New Railway Line: यहां बिछेगी नई रेलवे लाइन, खर्च होंगे 440 करोड़ रुपये, 14 स्टेशन नए बनेंगे, किसानों की जमीनों का होगा अधिग्रहण

पटना (सच कहूँ न्यूज़)। New Railway Line: बिहार में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कई नई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन परियोजनाओं से राज्य के कई हिस्सों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। इनमें बिहटा-औरंगाबाद, विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन, सुल्तानगंज-देवघर रेल लाइन और सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड के निर्माण शामिल हैं। इन परियोजनाओं से न केवल राज्य में ट्रांसपोर्टेशन की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि किसानों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।

बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का महत्व | New Railway Line

बिहटा-औरंगाबाद के बीच प्रस्तावित नई रेल लाइन बिहार की एक प्रमुख परियोजना बनकर उभरी है। यह 120 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पटना और औरंगाबाद के बीच यात्रा के समय को कम कर देगी, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा मात्र डेढ़ घंटे में पूरी की जा सकेगी। इस मार्ग पर कुल 14 नए स्टेशन बनेंगे। इसके निर्माण में 440 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और यह परियोजना 2025-26 के वित्तीय वर्ष तक पूरी हो सकती है।

इस रूट पर जमीन अधिग्रहण का काम भी जारी है, जिससे किसानों को उनकी भूमि के लिए अच्छी रकम मिलने की संभावना है। यह परियोजना राज्य के किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो सकती है, क्योंकि भूमि की कीमतों में तेजी से वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, इस रेल लाइन से आसपास के क्षेत्रों में व्यापार और कृषि उत्पादों के वितरण में भी सुधार होगा।

विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन: बिहार और झारखंड के बीच आसान यात्रा

भागलपुर के पास गंगा नदी पर विक्रमशिला और कटारिया के बीच बनाई जा रही न्यू डबल लाइन भी एक अहम परियोजना है। यह लाइन बिहार और झारखंड के बीच यात्रा को और अधिक आसान और तेज बनाएगी। इस परियोजना के तहत गंगा नदी पर 2.44 किलोमीटर लंबा डबल पुल बनेगा, जिसके निर्माण में कुल 2549.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इसके निर्माण के बाद, कटारिया और नवगछिया (उत्तर) से लेकर विक्रमशिला और शिवनारायणपुर (दक्षिण) तक की यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी। इस लाइन के निर्माण का लक्ष्य 2030-31 तक पूरा किया जाएगा। इससे कोसी और सीमांचल क्षेत्र की कनेक्टिविटी पूर्वी बिहार से बेहतर होगी, जिससे क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी।

सुल्तानगंज-देवघर रेल लाइन का पुनर्निर्माण | New Railway Line

करीब दो दशक पहले शुरू हुई सुल्तानगंज-देवघर रेल लाइन परियोजना को अब फिर से शुरू किया जा रहा है। 59 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन सुल्तानगंज, असरगंज, तारापुर, बेलहर और देवघर के बीच कनेक्टिविटी स्थापित करेगी। इस परियोजना के लिए 290 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। इसे पुन: शुरू करने का उद्देश्य इन शहरों और कस्बों के बीच बेहतर रेल कनेक्टिविटी स्थापित करना है। इससे लोगों को यात्रा में आसानी होगी और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड का दोहरीकरण

इसके अतिरिक्त, सुगौली और वाल्मीकिनगर के बीच स्थित 110 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का दोहरीकरण कार्य जारी है। इस दोहरीकरण से रेलवे मार्ग पर ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा, जिससे यात्रीगण को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। 83 किलोमीटर हिस्से का काम पहले ही पूरा हो चुका है और शेष 9 किलोमीटर का दोहरीकरण कार्य बेतिया और कुमारबाग के बीच चल रहा है। यह परियोजना क्षेत्रीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक साबित होगी और स्थानीय रेल सेवा को मजबूत करेगी।

कृषि और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

बिहार में इन नई रेल लाइनों के निर्माण से किसानों और व्यापारियों को विशेष लाभ होगा। पहले जहां किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने में कठिनाई होती थी, वहीं अब ये नई रेल लाइनें उनके उत्पादों को जल्दी और सस्ते में बाजारों तक पहुंचाने में मदद करेंगी। कृषि उत्पादों की डिलीवरी में सुधार होने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही, स्थानीय व्यापार में भी उछाल आएगा, क्योंकि बेहतर कनेक्टिविटी से इन क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियाँ तेज होंगी।

रेल परियोजनाओं का आर्थिक प्रभाव

इन नई रेल परियोजनाओं का असर न केवल यात्रा की सुविधाओं पर पड़ेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। विभिन्न क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार, उद्योग और कृषि के क्षेत्र में विकास होगा। खासकर, बिहार के ग्रामीण इलाकों में यह परियोजनाएं स्थानीय विकास को प्रोत्साहित करेंगी और रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। किसानों और व्यापारियों के लिए ये परियोजनाएं एक नई दिशा में कदम बढ़ाने का मौका देंगी, जिससे राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

बिहार में नए रेल प्रोजेक्ट्स राज्य के विकास के लिए एक मजबूत कदम हैं। इन परियोजनाओं से यात्रा की सुविधाएं, कनेक्टिविटी और स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। विशेष रूप से, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में सुधार होने से बिहार के ग्रामीण इलाकों के लिए यह बड़ी सौगात साबित होगी। इन सभी प्रयासों से राज्य में आर्थिक समृद्धि का रास्ता खुलेगा और बिहार को एक नई पहचान मिलेगी।

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