EPFO: ईपीएफओ कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: सैलरी में हो सकता है बड़ा इजाफा

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EPFO: ईपीएफओ कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: सैलरी में हो सकता है बड़ा इजाफा

अनु सैनी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। सरकार जल्द ही EPFO की वेज लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिससे लाखों कर्मचारियों और नियोक्ताओं पर इसका असर पड़ेगा। वर्तमान में EPFO में योगदान करने के लिए वेज लिमिट 15 हजार रुपये तय की गई है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की संभावना जताई जा रही है। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो कर्मचारियों को इससे अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

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EPF और EPS के नियमों में होगा बदलाव

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) से जुड़ी जो मौजूदा व्यवस्था है, उसके तहत कर्मचारियों और नियोक्ताओं को बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत EPF में योगदान करना होता है। इस 12 प्रतिशत में से एक हिस्सा EPS में जाता है। अब तक, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15 हजार रुपये या उससे कम थी, तो उन्हें EPF और EPS का लाभ मिलता था। इस व्यवस्था के तहत, नियोक्ता का 12 प्रतिशत योगदान, जिसमें से 8.33 प्रतिशत हिस्सा EPS को जाता था, लेकिन यह राशि अधिकतम 1,250 रुपये तक ही सीमित थी।

क्या बदलाव हो सकते हैं?

अगर सरकार EPFO की वेज लिमिट को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करती है, तो इसके प्रभाव सीधे तौर पर कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों पर पड़ेगा। इस बदलाव के तहत, यदि आपकी बेसिक सैलरी 21 हजार रुपये तक हो जाती है, तो आपको EPF और EPS का ज्यादा फायदा मिलेगा। खासकर EPS में योगदान बढ़ेगा। फिलहाल जहां EPS में नियोक्ता की ओर से अधिकतम 1,250 रुपये योगदान किया जाता है, वहीं बढ़ी हुई वेज लिमिट के बाद यह राशि 1,749 रुपये तक हो सकती है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

सैलरी पर क्या असर पड़ेगा?

EPFO में बढ़ी हुई वेज लिमिट का कर्मचारियों की सैलरी पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा। जब बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत EPF में योगदान किया जाएगा, तो इसका मतलब यह होगा कि कर्मचारियों की नेट इन-हैंड सैलरी थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि इस बढ़े हुए योगदान के कारण उनकी सैलरी से थोड़ी ज्यादा कटौती की जाएगी। हालांकि, यह कटौती कर्मचारी के भविष्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद EPF और EPS से मिलने वाली राशि अधिक होगी, जिससे भविष्य में बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिल सकती है।

बदलाव कब से लागू हो सकता है?

वर्तमान में सरकार या EPFO की ओर से इस बदलाव को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस पर चर्चा चल रही है और इसे जल्द ही लागू किया जा सकता है। लेबर यूनियन और पेंशनर्स लंबे समय से इस वेज लिमिट को बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जिससे उनके पेंशन और भविष्य निधि का लाभ बढ़ सके। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो इससे कर्मचारियों के भविष्य को एक नई दिशा मिल सकती है।

कुल मिलाकर सरकार की ओर से EPFO की वेज लिमिट को बढ़ाने का कदम कर्मचारियों के लिए एक अच्छा संकेत है। इससे कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के समय अधिक पेंशन मिल सकती है, और भविष्य में उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है। हालांकि, इस बदलाव के कारण कर्मचारियों की सैलरी में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन यह एक दीर्घकालिक फायदा होगा। अब सभी की नजरें सरकार द्वारा इस पर जल्दी लिए जाने वाले फैसले पर हैं, और उम्मीद की जा रही है कि यह बदलाव जल्द ही लागू होगा। यह खबर EPFO के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, क्योंकि यह उनके भविष्य को सुरक्षित करने का एक मौका प्रदान करती है।