बटवारा यादगार दिवस के रूप में मनाया जायेगा 17 अगस्त : सिद्धू
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने उस अद्भुत पहल का स्वागत किया है जिस तहत 17 अगस्त को बंटवारा यादगार दिवस के रूप में विशेषकर पंजाब व बंगाल के उन गैर साधारण हिम्मतवाले आम लोगों की याद में मनाया जायेगा जिनका देश के विभाजन दौरान सर्वस्व तबाह हो गया।
सबसे अहम धार्मिक स्थान
पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले मंत्री नवजोत सिद्धू ने मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत दौरान कहा कि सरकार द्वारा द आर्टस एंड कल्चरल हैरीटेज ट्रस्ट को पूरी सहायता दी जाएगी जोकि अमृतसर की टाउन हाल में बंटवारे की दास्तान का व्याखयान विश्व के अपनी तरह के अद्भुत संग्राहलय को 17 अगस्त को जनता के सुपुर्द करेगा। सिद्धू ने बताया कि इस संग्राहलय से अमृतसर जोकि भारत के सबसे अहम धार्मिक स्थानों में से एक है कि पर्यटन उद्योग को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
कैप्टन करेंगे शिरकत
इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखिका, कॉलमनवीस और ट्रस्ट की चेयरपर्सन किशवर देसाई ने कहा कि संग्राहलय के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहुंचेंगे और इससे पहले बटवारा यादगार दिवस के लिए चलो अमृतसर-17 अगस्त, 2017 नाम की एक विशेष आॅनलाइन मुहिम चलाई जायेगी।
सूफी संगीत भी बांधेगा समां
संग्राहलय के उद्घाटन के बाद शाम के समय सूफी संगीत का प्रोग्राम होगा जोकि आर्टस एंड लिट्रेचर फैस्टीवल आॅफ अमृतसर द्वारा करवाया जायेगा। इस अवसर पर अमृतसर और लाहौर की 1947 से पूर्व पहले के जमाने की गलियां भी रूपांतरित की जायेंगी और इसके अतिरिक्त उस समय के भोजन एवं अन्य यादगारी वस्तुएं भी प्रर्दशित की जायेंगी।
इसीलिए मनाया जाएगा
17 अगस्त वह दिन है जब 70 वर्ष पूर्व 1947 में भारत के विभाजन की घोषणा की गई थी, जिसका परिणाम पंजाब के इतिहास में सबसे मार्मिक और खौफनाक घटनाओं में से एक के रुप में निकला था। इतिहास में लोगों के इस सबसे बड़े परिवर्तन ने ना केवल पंजाब एवं बंगाल का विभाजन किया बल्कि असंख्य घरों को बर्बाद करने के अतिरिक्त जानी नुकसान भी बड़े स्तर पर किया। इस दुखांत के प्रभाव की बात कहती कभी भी कोई ऐसी यादगार नहीं बनी।
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