भिवानी (सच कहूँ/इंदवेश)। Mushroom Ki Kheti: कहते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। यदि इंसान पूरी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य की ओर बढ़े, तो उसे सफलता जरूर मिलती है। चरखी दादरी जिले के गांव मिर्च निवासी प्रवीन सांगवान ने इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है। एक निजी स्कूल में शिक्षक की नौकरी और लाखों रुपये के पैकेज को ठुकराकर प्रवीन ने मशरूम की खेती शुरू की और आज मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। वे न सिर्फ अपने लिए एक मिसाल बने हैं, बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं। Bhiwani News
शिक्षा से खेती तक सफर | Bhiwani News
प्रवीन सांगवान ने बीएड और जेबीटी की पढ़ाई पूरी कर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। उनके पढ़ाए सैकड़ों छात्र आज सरकारी नौकरियों में अच्छे पदों पर कार्यरत हैं। कई बार एचटेट, सीटेट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने के बावजूद उन्होंने सरकारी नौकरी को नहीं चुना। अपने व्यवसाय की शुरूआत करने की चाह ने उन्हें एक नया रास्ता दिखाया। गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में करीब 10 लाख रुपये के सालाना पैकेज को छोड़कर प्रवीन ने मशरूम की खेती में कदम रखा। इस नए क्षेत्र में सफलता पाने के लिए उन्होंने करनाल के अनुसंधान केंद्र से ट्रेनिंग ली और फिर पूरे जोश के साथ मशरूम की खेती शुरू की। आज वे इस काम से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। Bhiwani News
मुनाफे के साथ रोजगार का सृजन:
प्रवीन न सिर्फ मशरूम की खेती से सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं, बल्कि बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ रहे हैं। उनका मानना है कि अगर किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आॅर्गेनिक खेती की ओर बढ़ें, तो वे भी लाखों रुपये कमा सकते हैं। प्रवीन बताते हैं कि मशरूम की खेती के साथ-साथ वे मशरूम का अचार और सूप बनाकर बेचने की योजना बना रहे हैं, जिससे उनकी आय और बढ़ेगी।
छोटे शेड से बड़ा सपना: प्रवीन ने अपनी शुरूआत 30 बाय 60 फीट के एक छोटे शेड से की थी, जिसमें उन्होंने लाखों रुपये का मुनाफा कमाया। अब वे शेड की संख्या बढ़ाकर बड़े स्तर पर आॅर्गेनिक खेती करने की तैयारी में हैं। उनका सपना है कि अपने उत्पादों को विदेशों में एक्सपोर्ट कर करोड़ों रुपये का टर्नओवर हासिल करें। इसके लिए वे लगातार मेहनत कर रहे हैं और अपने आसपास के किसानों को भी इस दिशा में प्रेरित कर रहे हैं।
किसानों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन
प्रवीन सांगवान का कहना है कि सरकार की सब्सिडी और योजनाओं का सही उपयोग कर किसान अपनी स्थिति बदल सकते हैं। वे गांव के अन्य किसानों को इन योजनाओं के बारे में जागरूक कर रहे हैं और उन्हें आॅर्गेनिक खेती के फायदे बता रहे हैं। उनका मानना है कि मेहनत और सही दिशा में प्रयास से कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
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