नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सेना में बदलाव के पांच स्तंभों पर जोर दिया है जिसमें प्रौद्योगिकी अवशोषण, संरचनात्मक परिवर्तन, मानव संसाधन विकास और तीनों सेवाओं के बीच सामंजस्य बढ़ाना शामिल है। सेना प्रमुख ने कॉलेज आॅफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम), सिकंदराबाद में उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम के अधिकारियों को समापन भाषण देते हुए भविष्य के लिए तैयार लड़ाकू बल बनने के लिए भारतीय सेना का समग्र रोडमैप रखा।
जनरल द्विवेदी ने भविष्य की जटिल चुनौतियों का सामना करने में सक्षम तकनीकी रूप से उन्नत, अनुकूलनीय और आत्मनिर्भर बल बनने के लिए सेना की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रक्रिया संचालित दृष्टिकोण से परिणाम संचालित दृष्टिकोण की ओर बढ़ने और प्रदर्शन के पैमाने से प्रभावशीलता के पैमाने में बदलाव की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने सेना के परिवर्तनकारी लक्ष्यों को रेखांकित किया और परिवर्तन के युग, समेकन के युग और नियंत्रण के युग के तीन चरणों पर विचार-विमर्श किया।
इस कार्यक्रम में सशस्त्र बलों के 167 अधिकारियों द्वारा प्रमुख उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिसमें मित्र देशों के 14 अधिकारी शामिल थे। एचडीएमसी एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को रणनीतिक दूरदर्शिता, प्रबंधन विशेषज्ञता और उच्च रक्षा प्रबंधन और नीति निर्धारण भूमिकाओं के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता से लैस करने के लिए डिजाइन किया गया है। सीओएएस ने सशस्त्र बलों के परिवर्तन से लेकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में भूमिका और जिम्मेदारियों तक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भविष्य के रणनीतिक नेताओं को संबोधित किया। उन्होंने स्नातक अधिकारियों को कल्पनाशील होने और अपनी क्षमता को चैनलाइज करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सत्य, विश्वास और पारदर्शिता के सिद्धांतों को आत्मसात करने के लिए दृष्टिकोण और अनुकूलनशीलता विकसित करने का आह्वान किया। मान्यता के प्रतीक के रूप में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मेधावी अधिकारियों को सम्मानित किया। समापन समारोह में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, संकाय सदस्यों और विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।