सांसद सैलजा ने दोबारा फिर उठाई सर्वे की मांग, लिखा केंद्रीय मंत्री को पत्र

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सांसद सैलजा ने दोबारा फिर उठाई सर्वे की मांग, लिखा केंद्रीय मंत्री को पत्र

थेहड़ का सर्वे दोबारा करवाने की मांग

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सरसा में थेहड़ पर स्थापित करीब 50 एकड़ भूमि पर बसे लोगों के लिए एक बार फिर केंद्रीय मंत्री पर्यटन और कला संस्कृत मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान से उनका आशियाना उजड़ने का खतरा पैदा हो गया है। केंद्रीय मंत्री पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सरसा की सांसद कुमारी सैलजा (MP Kumari Selja) द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार अभी भी थेहड़ की 50 एकड़ भूमि खाली करवा सकती है। Sirsa News

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ऐसे में कहीं न कहीं थेहड़वासियों के भीतर एक बार फिर ये भय व्याप्त हो गया है कि उनका आशियाना सुरक्षित नहीं है। केंद्र सरकार के जवाब पर सरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कड़ा प्रतिकार किया है। इस सिलसिले में सांसद कुमारी सैलजा ने सरसा थेहड़ को लेकर केंद्रीय मंत्री पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर आग्रह किया कि थेहड़ के सही क्षेत्रफल के लिए फिर से सर्वे करवाया जाए।

35 एकड़ भूमि कैसे बनी 85.5 एकड़?

कुमारी सैलजा ने केंद्रीय मंत्री पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र के सरसा नगर में प्राचीन थेहड़ है, जिस पर पुरातत्व विभाग 85.5 एकड़ क्षेत्र होने का दावा कर रहा है जो आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना में अधिसूचित नहीं है।

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प्रशासन के पास है अधूरी जानकारी: | Sirsa News

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रशासन ने ऊंचाई पर बसे थेहड़ जिसका क्षेत्र 35 एकड़ था खाली करवाकर परिवारों को अस्थायी रूप से अन्य स्थान पर बसा दिया गया और थेहड़ पर हुए निर्माण कार्य को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। बाकी 50 एकड़ भूमि को खाली कराने के लिए कहा गया। इस भूमि क्षेत्र में नगर परिषद के 6 वार्ड आते हैं करीब 5 हजार मकान है और 20-25 हजार लोग रहते हैं। इस थेहड़ की कितनी भूमि है शायद इसकी सही जानकारी न तो प्रशासन के पास है और न ही पुरातत्व विभाग के पास।

पुन: सर्वे की उठाई मांग | Sirsa News

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि थेहड़ की भूमि को लेकर आज तक तय नहीं हो पाया कि उसकी कितनी भूमि है। वर्ष 2009 में इस भूमि का सही क्षेत्रफल जानने के लिए सर्वे करवाने को लेकर एक टीम का गठन प्रशासन की ओर से किया गया, जिसमें पुरातत्व विभाग की ओर से अजायब सिंह, राजस्व विभाग की ओर से पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि शामिल थे। इस टीम ने एक संयुक्त रिपोर्ट तत्कालीन उपायुक्त सरसा को सौंपी जिसमें रिपोर्ट निशानदेही, सर्वे सूची, नजरिया नक्शा और सर्वे नक्शा संलग्र किया गया था।

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