मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए बॉलीवुड स्टार धैर्य कड़वा
Actor Dhairya Karwa: हनुमानगढ़। बॉलीवुड स्टार धैर्य कड़वा ने कहा कि असल हीरो क्षेत्र में संचालित शिक्षण संस्थानों के व्यवस्थापक व उनका स्टाफ है जो युवा पीढ़ी को उनके सपनों को पूरा करने के लिए तैयार कर रहे हैं। वे युवा पीढ़ी को सक्षम इन्सान बनाने का काम कर रहे हैं। जिन्होंने शिक्षा दी है और बच्चों को इस काबिल बनाया है कि वे कुछ कर सकें, उनके सम्मान में इस तरह के कार्यक्रम बहुत कम देखने को मिलते हैं। Dhairya Karwa
शिक्षण संस्थानों के व्यवस्थापकों और प्राचार्यों को सम्मानित करने की पहल सराहनीय है। इसके लिए एसकेडीयू की फैकल्टी धन्यवाद की पात्र है। इस तरह के कार्यक्रम निरंतर होने चाहिएं। सूरतगढ़ रोड स्थित श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षण संस्थानों के व्यवस्थापकों और प्राचार्यों के सम्मान में आयोजित समारोह से पूर्व मीडिया कर्मियों से रूबरू हुए संगरिया से पूर्व विधायक कृष्ण कड़वा के पुत्र धैर्य कड़वा ने ओटीटी आने से नुकसान होने के एक सवाल के जवाब में धैर्य कड़वा ने कहा कि इससे नुकसान नहीं बल्कि फायदा है। क्योंकि एक्टर, डायरेक्टर आदि को अपनी कला दर्शाने का एक और प्लेटफार्म मिला है।
ग्यारह-ग्यारह सहित कई फिल्मों में बखूबी अपना किरदार निभा चुके धैर्य कड़वा
जब टीवी आया था तब भी लोग कहते थे कि अब थियेटर जाने वालों का रूझान कम होगा। लेकिन लोग फिर भी थियेटर में फिल्म देखने जाते हैं। इसके बाद इंटरनेट और अब ओटीटी आया लेकिन फिल्में और थियेटर हमेशा चलते रहे हैं। उरी, गहराइयां, तिरासी, ग्यारह-ग्यारह सहित कई फिल्मों में बखूबी अपना किरदार निभा चुके धैर्य कड़वा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वे इस मिट्टी से जुड़े हैं। उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि वे एक्टिंग करेंगे। पूर्व में एमबीए करने का प्लान था। एमबीए का प्लान करते-करते मॉडलिंग शुरू की। फिर लगा कि पढ़ाई तो बाद में भी हो सकती है। यह युवाओं के लिए संदेश भी है।
कड़वा ने कहा कि आपका बैकग्राउंड कहीं से भी हो या आप कहीं से भी आओ। वह यह तय नहीं करता कि आप कहां जाओगे। बड़े सपने देखने जरूरी हैं। क्योंकि सब कुछ मुमकिन है। असफलता, सफलता का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर कोई सफल होता है तो अक्सर यह देखा जाता है कि वे कितना सफल हो गया। उसके पीछे बहुत सारे रिजेक्शन या फेलियर होते हैं। लेकिन वह सफलता की सीढ़ी पर चढऩे के लिए जरूरी हैं। इस मौके पर श्री गुरु गोबिंद सिंह चैरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा व एसकेडीयू के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश जुनेजा भी मौजूद रहे।
50 व्यवस्थापकों और प्राचार्यों को किया सम्मानित | Dhairya Karwa
श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षण संस्थानों के 50 व्यवस्थापकों और प्राचार्यों को आयोजित सम्मान समारोह में हनुमानगढ़ रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय व फिजिक्स वाला की ओर से हनुमानगढ़ रत्न समारोह के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बॉलीवुड स्टार धैर्य कड़वा विशेष रूप से मौजूद रहे।
समारोह में अजय गर्ग, अजय सराफ, अनिल सहारण, अनुराग बिस्सु, अशोक सुथार, बहादुर सिंह गोदारा, डॉ. दिव्या शर्मा, हरिकृष्ण आर्य, इकबाल सिंह, जसविन्द्र सोढ़ी, जयवीर शर्मा, जितेन्द्र चायल, आरके त्यागी, कविन्द्र सिंह शेखावत, किरण राठौड़, कृष्ण भादू, एलबी सुब्बा, लक्ष्मीनारायण कस्वां, मदन गोपाल शर्मा, मलकीत सिंह मान, मनोज भादू, मनोज गोदारा, मीनू गुप्ता, नगेन्द्र शर्मा, ओमप्रकाश छाबड़ा, परमजीत कौर, परमजीत कुमार, पवन बांगड़वा, पवन कुमार मिड्ढा, प्रवीण वर्मा, पुष्पा चावला, आरडी जुनेजा, राजेश गोदारा, राजेश मिड्ढा, राजकुमार सैनी, रामचन्द्र देहडू, रामनिवास बिश्नोई, रविन्द्र भाम्भू, एसके मुरारी, डॉ. सागर मल लड्ढा, सतीश गर्ग, शांतिलाल दफ्तरी, सुनील मदान, सुरेन्द्र झोरड़, सुरेन्द्र नागपाल, सुरेश शर्मा, विकास गोयल, विक्रम प्रधान, विरेन्द्र पाल सिंह व प्रेरणा रस्तोगी को सम्मानित किया गया। Dhairya Karwa
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