चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार किसानों को सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दे रही है। हुड्डा ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि उनके पास बाकायदा किसानों ने सरसों खरीद की रसीद भेजकर अपना दुखड़ा सुनाया है। सरसों की एमएसपी 5960 रुपये है, लेकिन मंडी में खरीद 5400 रुपये में की जा रही है यानी किसानों को लगभग 500 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है। Chandigarh News
उन्होंने कहा कि पिछली बार धान की खरीद भी एमएसपी से कम रेट पर की गई और इस बार सरसों की खरीद में भी किसानों को लूटने का खेल शुरू हो गया है जबकि भाजपा ने चुनाव से पहले किसानों को धान और गेहूं जैसी फसलों पर एमएसपी से भी ज्यादा रेट देने का वादा किया था। हुड्डा ने कहा कि धान की फसल पर भाजपा ने 3100 रुपये कि दर का वादा किया था लेकिन सरकार ने यह वादा भी नहीं निभाया और ना ही हाल में पेश बजट में ऐसा कोई प्रावधान रखा।
काँग्रेस नेता ने कहा कि खुद सरकार द्वारा पेश किए आर्थिक सर्वेक्षण में दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार ने किसी भी फसल की खरीद एमएसपी पर नहीं की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मात्र 61 प्रतिशत सरसों, 55 फीसदी गेहूं, 25 प्रतिशत मूंग, 18 फीसदी जो, 9 प्रतिशत कपास, सिर्फ 29 और 23 फीसदी बाजार व मक्खी की एमएसपी पर खरीद की है। सूरजमुखी की भी सिर्फ 5 प्रतिशत खरीद एमएसपी पर हुई है। यानी सरकारी दस्तावेज बता रहे हैं कि यह सरकार ज्यादातर किसानों को ज्यादातर फसलों पर एमएसपी नहीं दे रही है। Chandigarh News
हुड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा का कड़वा सच भी आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में स्पष्ट नजर आ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने अब तक लगभग 62 फीसदी यानी 588 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों को नहीं दिया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा किसानों के धरने को बलपूर्वक खत्म करवाने को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि किसानों को अनसुना करना और दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को उनकी मांगें मानते हुए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए।
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