Space News: मुज्जफरनगर, अनु सैनी। अंतरिक्ष यात्रा मानवता की एक महान उपलब्धि है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निरंतर प्रगति को दर्शाती है। आइए जानते हैं कि पृथ्वी से अंतरिक्ष में पहुंचने में कितना समय लगता है और यह प्रक्रिया कैसे होती है।
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अंतरिक्ष में प्रवेश का समय | Space News
आम तौर पर, पृथ्वी की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित ‘कर्मन रेखा’ को पार करने में एक रॉकेट को लगभग 8.5 मिनट का समय लगता है। यह समय रॉकेट के प्रकार, मिशन के उद्देश्य और मार्ग पर निर्भर करता है।
अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने में समय:-
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर स्थित है। ISS तक पहुंचने में रॉकेट को कर्मन रेखा को पार करने के बाद अतिरिक्त समय लगता है। उदाहरण के लिए, अमेरिकी शटल को कर्मन रेखा को पार करने में लगभग 2.5 मिनट और ISS तक पहुंचने में कुल मिलाकर लगभग 8.5 मिनट का समय लगता था।
स्पेसएक्स फाल्कन हेवी रॉकेट
स्पेसएक्स के फाल्कन हेवी रॉकेट ने कर्मन रेखा को पार करने में लगभग 3.5 मिनट का समय लिया था, जो इसकी उच्च प्रदर्शन क्षमता को दर्शाता है। पृथ्वी से अंतरिक्ष में पहुंचने में कुल मिलाकर लगभग 8.5 मिनट से लेकर कुछ घंटे तक का समय लग सकता है, जो मिशन की प्रकृति, रॉकेट की क्षमता और गंतव्य पर निर्भर करता है। यह प्रक्रिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी के निरंतर विकास को प्रतिबिंबित करती है, जो भविष्य में और भी तेज और कुशल अंतरिक्ष यात्राओं का मार्ग प्रशस्त करेगी।