सभी राज्य एक जुलाई से लागू करने पर सहमत
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने जीएसटी व्यवस्था के तहत रिटर्न भरने और बदलाव के दौर से गुजरने संबंधी तमाम नियमों सहित सभी लंबित नियमों को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही सभी राज्य एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने पर सहमत हो गए हैं। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नियमों पर चर्चा को पूरा कर लिया गया है।
जीएसटी व्यवस्था में बदलाव के दौर से गुजरने संबंधी नियमों को मंजूरी दे दी गई है और सभी एक जुलाई से इसे लागू करने पर सहमत हो गए हैं। जीएसटी परिषद ने पिछले महीने 1,200 वस्तुओं और 500 सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 फीसदी के कर ढांचे में फिट किया था। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज जीएसटी परिषद की 15वीं बैठक की अध्यक्षता की जिसमें सोना, कपड़ा और जूते समेत छह चीजों की कर दरें तय करना था।
एक जुलाई से जीएसटी लागू करने पर सभी राज्यों के सहमत होने संंबंधी इसाक का बयान काफी अहम है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उनका राज्य नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को उसके वर्तमान स्वरूप में लागू नहीं करेगा। हालांकि पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा भी बैठक में शामिल हुए हैं।
कंपनियां जीएसटी से पहले कर सकती हैं क्रेडिट का दावा
परिषद द्वारा मंजूर बदलाव नियमों के सदंर्भ में उद्योग जगत जीएसटी व्यवस्था में मिलने वाले संभावित क्रेडिट के प्रावधानों मेंं कुछ प्रावधानों की मांग कर रहा था। जीएसटी के बदलाव संबंधी मसौदा विधान में व्यवस्था है कि जीएसटी लागू होने से पहले कंपनी द्वारा अपने बकाए स्टॉक पर भुगतान किए गए केन्द्रीय उत्पाद शुल्क पर 40 प्रतिशत के लिए केन्द्रीय जीएसटी क्रेडिट का दावा कर सकती हैं। कई डीलर चीजें खरीदकर उसका भंडार जमा करने के बजाय देखो और इंतजार करों की नीति पर चल रहे हैं। वे क्रेडिट सीमा बढ़ाने को लेकर सरकार के साथ लॉबिंग कर चुके हैं।
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