Parliament Budget Session: ये खबर आपके काम की, देश से ये चार बड़े कानून का होने जा रहा है खात्मा

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Parliament Budget Session: ये खबर आपके काम की, देश से ये चार बड़े कानून का होने जा रहा है खात्मा

Parliament Budget Session:नई दिल्ली। लोकसभा में आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक का उद्देश्य भारत के आव्रजन कानूनों को आधुनिक बनाना और उन्हें मजबूत करना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत में प्रवेश करने और यहां से बाहर जाने वाले व्यक्तियों के संबंध में पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों की आवश्यकता और विदेशियों से संबंधित मामलों को विनियमित करने के लिए केंद्र सरकार को कुछ शक्तियां प्रदान करने के लिए एक विधेयक पेश करने की अनुमति के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे, जिसमें वीजा और पंजीकरण की आवश्यकता और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों को शामिल किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद और संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे और भाजपा सांसद अनिल बलूनी सूचना और प्रसारण मंत्रालय से संबंधित ‘भारत में केबल टेलीविजन के विनियमन’ पर अपनी छप्पनवीं रिपोर्ट (सत्रहवीं लोकसभा) में निहित समिति की टिप्पणियों/सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर छठी रिपोर्ट पेश करेंगे।

इन चार पुराने कानून का हो जाएगा खात्मा | Parliament Budget Session

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बिल के तहत, इमिग्रेशन अधिकारी के फैसले को अंतिम और बाध्यकारी माना जाएगा। हालांकि पहले भी अधिकारी के पास विदेशियों को भारत में घुसने से रोकने का अधिकार था, लेकिन कानून में ये स्पष्ट नहीं था। अब यह लिखित कानून में होगा। इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के कानून बनने के बाद भारत के चार पुराने कानून खत्म हो जाएंगे। इनमें फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन आॅफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 शामिल हैं।

सातवीं रिपोर्ट पेश करेंगे

इसके अतिरिक्त, वे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबंधित ‘डिजिटल भुगतान और डेटा सुरक्षा के लिए आॅनलाइन सुरक्षा उपाय’ पर अपनी चौवनवीं रिपोर्ट (सत्रहवीं लोकसभा) में निहित समिति की टिप्पणियों/सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर सातवीं रिपोर्ट पेश करेंगे। वे लोकसभा में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी (2024-25) पर स्थायी समिति की निम्नलिखित रिपोर्टों पर सरकार द्वारा की गई आगे की कार्रवाई को दशार्ने वाले विवरण भी प्रस्तुत करेंगे। वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से संबंधित ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कामकाज की समीक्षा’ पर अपनी सैंतालीसवीं रिपोर्ट (सत्रहवीं लोकसभा) में निहित समिति की टिप्पणियों/सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर अपनी पचपनवीं रिपोर्ट भी पेश करेंगे। वे इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ‘नागरिक डेटा सुरक्षा एवं गोपनीयता’ पर अपनी अड़तालीसवीं रिपोर्ट (सत्रहवीं लोकसभा) में निहित समिति की टिप्पणियों/सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर अपनी पचपनवीं रिपोर्ट भी पेश करेंगे।

सोमवार को संसद ने रेलवे (संशोधन) विधेयक और लोकसभा ने बिल आॅफ लैडिंग विधेयक, 2024 पारित किया। रेलवे (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य भारत में रेलवे परिचालन को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना है, जबकि बिल आॅफ लैडिंग विधेयक, 2024 का उद्देश्य मौजूदा कानून के मूल पहलुओं को बनाए रखते हुए सरलीकरण और समझने में आसानी के लिए विभिन्न प्रावधानों को आधुनिक विधानों के अनुरूप लाना है। इस बीच, बजट सत्र के दूसरे भाग के दौरान विपक्षी सांसदों ने परिसीमन और नई शिक्षा नीति (एनईपी) के मुद्दों पर राज्यसभा से वॉकआउट किया। लोकसभा में भी, सांसदों ने सदन के वेल में प्रवेश किया और विरोध प्रदर्शन किया, जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद के निचले सदन में अपने संबोधन में डीएमके पर “बेईमान” होने और तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य की कीमत पर “राजनीति” करने का आरोप लगाया।

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