सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। शाह सतनाम जी बॉयज कॉलेज (Shah Satnam Ji Boys College) में मंगलवार को वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ हुआ। इस प्रतियोगिता का आयोजन कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय महोत्सव छात्रों में खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में कॉलेज की 6 हाउस की टीमें विभिन्न 20 खेल स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं। महोत्सव के उद्घाटन समारोह में कॉलेज प्रबंधन समिती के सदस्य कर्नल(रि.)नरेंद्रपाल सिंह तूर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरक्त की। कार्यक्रम की शुरूआत मार्चपास्ट से हुई। छात्रों ने अनुशासन और जोश के साथ मार्च पास्ट किया, जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इसके उपरांत मुख्य अतिथि ने ध्वजारोहण किया। Sirsa News
खेल महोत्सव का शुभारम्भ 1500 मीटर रेस के साथ हुआ। जिसमें एनसीसी के खिलाड़ी रोहित ने प्रथम, योगेश ने द्वितीय व सुमित ने तृतीय स्थान हासिल किया। शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष अमित ने बताया कि इस वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, क्रिकेट, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, डॉजबॉल सहित अन्धा झोटा व डले (पत्थर) का निशाना जैसे ग्रामीण खेल भी रखे गए हैं।
पूज्य गुरु जी के पावन मार्गदर्शन में उन्नति के पथ पर अग्रसर कॉलेज
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन मार्गदर्शन में कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि खेलों के क्षेत्र में भी उन्नति के पथ पर अग्रसर है। इस अवसर पर कॉलेज एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. शशि आनंद, स्पोर्ट्स इंचार्ज अजमेर सिंह, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. सुमित सिंगला, डॉ. बाबुलाल, हरचरण सिंह, अशोक, योगेश सहित सभी सहायक प्राध्यापक और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे। खेल महोत्सव के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।
असली विजेता वही होता है, जो कभी हार नहीं मानता: डॉ. दिलावर: कॉलेज प्राचार्य डॉ. दिलावर सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेलों में भाग लेना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास को भी विकसित करता है। खेल हमें सिखाते हैं कि सफलता और असफलता दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन असली विजेता वहीं होता है जो कभी हार नहीं मानता और हर चुनौती से कुछ नया सीखता है। आप सभी खेल भावना के साथ प्रतियोगिताओं में भाग लें और अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रयास करें। हार-जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण है खेल में आपकी मेहनत, समर्पण और अनुशासन। हमारा प्रयास हमेशा रहेगा कि हमारे छात्र न केवल अकादमिक क्षेत्र में बल्कि खेलों में भी नए कीर्तिमान स्थापित करें।
खेल जीवन में अनुशासन और समर्पण सिखाने का जरिया: नरेंद्रपाल तूर
मुख्य अतिथि नरेंद्रपाल सिंह तूर ने अपने संबोधन में छात्रों को खेलों के महत्व के बारे में बताया और कहा कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि जीवन में अनुशासन, समर्पण और टीम वर्क सिखाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए आगे कहा जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत, ईमानदारी और अनुशासन का होना अनिवार्य है। Sirsa News