कैथल, सच कहूं /कुलदीप नैन। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 33 हरियाणा वासियों में से अकेले कैथल जिले के 11 युवक है। अधिकतर युवा 30 लाख , 40 लाख , 50 लाख तक खर्च कर डोंकी से अमेरिका पहुंचे थे। लेकिन अब ये डिपोर्ट हो गए है। अभिभावकों को बड़ी मात्रा में खर्च की गई रकम से चढ़े कर्ज की चिंता सताने लगी है। कैथल पहुंचे एक युवक के परिजनों ने बताया कि उनके बेटे को अमृतसर एयरपोर्ट से अंबाला तक हथकड़ी लगा कर लाया गया। इसके बाद पंजाब पुलिस के जवान बेटे को गांव में छोड़ कर गए। परिजनों के कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर भी कराए गए हैं। युवक फिलहाल डिप्रेशन में है और उसे घर की बजाय दोस्तों के पास छोड़ा गया है, ताकि उसे कुछ रिलेक्स मिले।
जिले के धुंधरेड़ी गांव का रहने वाला साहिल गुरुवार को अपने घर लौट गया। साहिल के पिता चरण सिंह ने बताया कि पंजाब पुलिस के जवान गुरुवार सुबह साहिल को लेकर घर आए। उन्होंने कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए और फिर साहिल की फोटो लेकर वापस लौट गए। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जिला प्रशासन या स्थानीय पुलिस को को कोई सूचना नहीं दी गई। साहिल के पिता ने बताया कि पंजाब पुलिस के जवान अमृतसर एयरपोर्ट से युवाओं को हथकड़ी लगा कर अपराधी की तरह लेकर आए हैं। अंबाला में आने के बाद ही उनकी हथकड़ियां खोली गई। फिर युवकों को उनके गांवों तक छोड़ा गया।
विदेश गए युवाओं के अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उन्होंने अमेरिका भेजा था। वीजा प्रक्रिया की जटिलताओं के कारण उन्होंने डंकी का रास्ता अपनाया। डंकी के रास्ते जाने के लिए उन्होंने एजेंटों को 30 से 50 लाख रुपये तक दिए थे। इतने रुपए देने के लिए उन्होंने अपने घर ओर जमीन तक बेच दी थी। जंगलों में से होते हुए उनके बच्चे विदेश पहुंचे। हाल ही में अमेरिका ने अवैध रूप से प्रवेश करने वालों पर सख्ती बढ़ा दी है।
गांव खेड़ी साकरा निवासी ओमी देवी परिवार सहित अमेरिका गई हुई थी। उन सभी को डिपोर्ट कर दिया गया है। ओमी देवी गांव हैबतपुर जिला करनाल में विवाहित है। लेकिन कागजों पर उसके गांव खेड़ी साकरा का नाम दर्ज है। फिलहाल ओमी देवी इस गांव में नहीं रहती। वह अपने पति और बच्चों सहित वापिस लौट आई है।
गाव स्यो माजरा के मनदीप के परिजनों ने अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर अपने बेटे को डोंकी के रास्ते अमेरिका भेजा था। मनदीप 24 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था। अमेरिका जाने के लिए मनदीप के पिता ने 34 लाख रुपए खर्च किए थे। अमेरिका पहुंचाने की जिम्मेवारी चीका के एक एजेंट की थी। हालांकि मनदीप सकुशल अमेरिका पहुंच गया था और उसने परिजनो को भी इस बात से अवगत करवा दिया था कि वह कैंप में पहुंच गया है। लेकिन अब मनदीप का नाम भी डिपोर्ट लिस्ट में आ गया।
ये हुए हैं डिपोर्ट
1. अभिषेक प्यौदा
2. प्रिंस गांव काकोत
3. मनदीप गांव स्यों माजरा
4. साहिल धुंधरेहड़ी
5. जीतेश वालिया कैथल शहर
6. अमन गांव अटेला
7. ओमी देवी गांव खेड़ी साकरा
8. अंकित गांव कसान
9. संदीप गांव मटौर
10. रमेश कैथल शहर
11. गुरप्रीत गांव अरनौली