Haryana Education Department: हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार।)। हरियाणा के उच्च शिक्षा विभाग में नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद अब प्रदेश भर के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में भी नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस बार नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए 1 अप्रैल से सभी स्कूलों में दाखिले नई शिक्षा नीति-2020 के तहत होंगे इस संबंध में हरियाणा के शिक्षा निदेशालय की तरफ से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजे जा चुके हैं। पहली कक्षा में दाखिले की उम्र पहले ही 6 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। हालांकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 6 माह की छूट प्रदान की जाएगी यानी साढ़े पाँच साल का बच्चा पहली कक्षा में दाखिला ले सकता है। Hisar News
बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर होगा ध्यान: इस नीति के अनुसार कक्षा पहली में दाखिले के लिए आयु सीमा में बदलाव किया गया है। अब केवल वे बच्चे जो 6 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, ही पहली कक्षा में दाखिले के योग्य माने जाएंगे। यह निर्णय कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह निर्णय बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखता है। छोटे बच्चों के लिए शिक्षा का स्तर और ढंग उनक विकास की प्रक्रिया के अनुकूल होना चाहिए।
6 साल से कम उम्र के बच्चे प्लेवे स्कूलों में पढ़ेंगे | Hisar News
हरियाणा शिक्षा नीति में पहली क्लास से नीचे किसी भी क्लास का दर्जा निश्चित नहीं है। हालांकि निजी स्कूल प्री-नर्सरी एलकेजी व यूकेजी के नाम पर दाखिले करते हैं। पर इसका शिक्षा नीति में कहीं भी कोई प्रावधान नहीं है। 6 बरस से कम आयु के बच्चे सिर्फ आंगनवाड़ी/प्लेवे स्कूलों में ही शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने का प्रयास है, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना और उसे समग्र और समावेशी बनाना है। हरियाणा राज्य में भी इस नीति का प्रभाव विशेष रूप से स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया पर पड़ने वाला है। Hisar News
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