Budget 2025: इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव! बजट 2025 से मिडिल क्लास को राहत की उम्मीद

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Budget 2025: इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव! बजट 2025 से मिडिल क्लास को राहत की उम्मीद

Budget 2025:भारत का केंद्रीय बजट हर साल एक महत्वपूर्ण घटना होता है, जिसे देश भर में ध्यानपूर्वक देखा जाता है। खासकर मिडिल क्लास वर्ग के लिए यह एक अहम समय होता है, क्योंकि इस दौरान उनके लिए कई वित्तीय राहत और सुविधाओं की उम्मीद होती है। इस साल के बजट 2025-26 से भी मिडिल क्लास को राहत मिलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, खासतौर पर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की दिशा में। इनकम टैक्स स्लैब में होने वाले बदलावों से न केवल आम नागरिकों को राहत मिल सकती है, बल्कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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वर्तमान इनकम टैक्स स्लैब का अवलोकन | Budget 2025

भारत में आयकर स्लैब का निर्धारण सालाना बजट में किया जाता है। वर्तमान में, दो मुख्य कराधान प्रणाली हैं – एक पुरानी टैक्स व्यवस्था, जिसमें छूट, छूट वाले निवेश, और अन्य करदाताओं को लाभ प्राप्त होता है, और दूसरी नई कराधान व्यवस्था, जिसमें कोई छूट नहीं होती लेकिन कर दरें कम होती हैं।
यहां मौजूदा आयकर स्लैब (पुरानी व्यवस्था) को देखा जा सकता है:
₹2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं।
₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक की आय पर 5% टैक्स।
₹5 लाख से ₹10 लाख तक की आय पर 20% टैक्स।
₹10 लाख से ऊपर की आय पर 30% टैक्स।
इसके अलावा, टैक्सपेयर्स को विभिन्न निवेशों पर छूट भी मिलती है, जैसे कि एलआईसी प्रीमियम, पीपीएफ, और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करने पर आयकर में छूट मिलती है। हालांकि, मिडिल क्लास वर्ग के लिए यह व्यवस्था अक्सर जटिल और मुश्किल महसूस होती है।

बजट 2025 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की संभावना | Budget 2025

वर्तमान में टैक्स स्लैब में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, और मिडिल क्लास वर्ग की आय पर टैक्स का बोझ बढ़ता जा रहा है। बढ़ती महंगाई, जीवन यापन की बढ़ती लागत और रोजगार की स्थिति को देखते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद की जा रही है कि वे इस बार मिडिल क्लास के लिए टैक्स स्लैब में कुछ राहत की घोषणा करेंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव मिडिल क्लास वर्ग को सीधे फायदा पहुंचा सकता है। उदाहरण के लिए, ₹5 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को टैक्स छूट मिल सकती है, या ₹10 लाख तक की आय पर कर की दर को कुछ कम किया जा सकता है। इससे न केवल आयकर में कमी आएगी, बल्कि इस वर्ग की खर्च करने की क्षमता में भी बढ़ोतरी हो सकती है।

मिडिल क्लास के लिए राहत की उम्मीदें

मिडिल क्लास, जो आमतौर पर ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की आय में आता है, वर्तमान में टैक्स स्लैब में फंसा हुआ है। ऐसे लोग अपनी आय को बचाने के लिए हर साल विभिन्न निवेश विकल्पों पर टैक्स बचत करते हैं, लेकिन टैक्स दरों में कोई सुधार न होने की वजह से उनका वास्तविक लाभ सीमित रहता है।
इसके अलावा, मिडिल क्लास वर्ग के लिए एक और बड़ा मुद्दा टैक्स रिफंड की प्रक्रिया का जटिल होना है। कई लोग अपनी टैक्स रिफंड पाने के लिए महीनों इंतजार करते हैं। इस प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए भी सरकार से बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

क्या टैक्स स्लैब में बदलाव से मिल सकता है लाभ?

1. कम टैक्स रेट: अगर सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव करती है और टैक्स दरों को कम करती है, तो यह मिडिल क्लास के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। खासकर ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की आय वाले करदाताओं को इसका सीधा फायदा होगा, क्योंकि उन्हें कम टैक्स देना होगा और उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
2. टैक्स छूट की सीमा में वृद्धि: वित्त मंत्री इस बार टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं। वर्तमान में, ₹1.5 लाख तक की छूट मिलने के बावजूद, मिडिल क्लास वर्ग इस सीमा को पार करने की स्थिति में नहीं रहता है। अगर सरकार इस सीमा को बढ़ाकर ₹2 लाख या ₹2.5 लाख कर देती है, तो इससे लोगों को और राहत मिल सकती है।
3. निवेश पर अतिरिक्त छूट: सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिए टैक्स छूट को बढ़ा सकती है, जिससे मिडिल क्लास अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए अधिक निवेश कर सकेगा।

मिडिल क्लास की बढ़ती उम्मीदें और बजट 2025 की चुनौतियां

मिडिल क्लास के लिए यह बजट कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण होगा। इस वर्ग की उम्मीद है कि सरकार आयकर में राहत देने के साथ-साथ, महंगाई और नौकरी की अनिश्चितता के बीच उनके लिए कुछ ठोस कदम उठाएगी। हालाँकि, एक और चुनौती यह है कि सरकार को एक तरफ कर संग्रहण में वृद्धि करनी है और दूसरी तरफ जनता को राहत भी देनी है। इन दोनों लक्ष्यों के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं होगा, लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि मिडिल क्लास के लिए राहत देने के साथ-साथ वित्तीय घाटा भी नियंत्रित रहे।

बजट 2025 से मिडिल क्लास को उम्मीद है कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स स्लैब में राहत देने के लिए कदम उठाएगी। टैक्स स्लैब में सुधार न केवल उनके जीवन स्तर को बेहतर बना सकता है, बल्कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि टैक्स छूट और स्लैब में बदलाव से राजकोषीय घाटे पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। आगामी बजट में मिडिल क्लास को क्या राहत मिलती है, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि वित्त मंत्री किस प्रकार के उपायों की घोषणा करती हैं।

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