MSG Bhandara: श्रद्धा व उत्साह से मनाया पावन भंडारा! पावन एमएसजी 106वें अवतार दिवस पर 106 जरूरतमंद लोगों को बांटे कंबल

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MSG Bhandara: श्रद्धा व उत्साह से मनाया पावन भंडारा! पावन एमएसजी 106वें अवतार दिवस पर 106 जरूरतमंद लोगों को बांटे कंबल

106th Incarnation Day of Shah Satnam Ji Maharaj: सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। डेरा सच्चा सौदा की देश-विदेश की साध-संगत ने सच्चे रूहानी रहबर पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन एमएसजी 106वें अवतार दिवस का नामचर्चा सत्संग भंडारा धूमधाम से मनाया। भंडारे के इस शुभ अवसर पर में शाह सतनाम शाह मस्तान जी धाम डेरा सच्चा सौदा में लाखों की तादाद में साध-संगत पहुँची और सच्चे रहबर की महिमा का गुणगान किया। सोशल मीडिया के माध्यम से भी पूरी दुनिया में श्रद्धालुओं ने भण्डारे का लाइव प्रसारण देखा। इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन सान्निध्य में चलाए जा रहे 167 मानवता भलाई कार्यों के तहत सर्दी के मद्देनजर 106 जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए गए। MSG Bhandara

दोपहर 12 बजे ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ पवित्र नारे के साथ ‘एमएसजी नामचर्चा सत्संग भंडारे’ का आगाज हुआ। इसके पश्चात कविराज भाइयों ने भक्तिमय भजनों के माध्यम से सतगुरु जी की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर मुख्य पंडाल को खूबसूरत लड़ियों, रंगोली और गुब्बारों से सजाया गया था। एमएसजी नामचर्चा सत्संग भंडारे में लाखों की तादाद में पहुँची साध-संगत में अद्भुत उत्साह देखने को मिला। इस दौरान खुशियों भरे भजनों पर बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी श्रद्धालु नाचते नज़र आए।

नामचर्चा सत्संग भंडारे में बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों को साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया। इसके पश्चात पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के सृष्टि पर महान उपकार को दर्शाती एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई।

साथ ही नामचर्चा सत्संग भंडारे में पूज्य गुरु जी द्वारा गाए गए बर्थडे स्पेशल सॉन्ग ‘जनवरी महीने में दाता आए…’ व नशों के खिलाफ जागरूक करता ‘जागो दुनिया दे लोको’ पर पंडाल में उपस्थित संगत झूम उठी। इस दौरान साध-संगत का जोश और उत्साह काबिले-तारीफ रहा। नामचर्चा सत्संग भंडारे की समाप्ति पर सेवादारों ने आई हुई साध-संगत को कुछ ही मिनटों में लंगर भोजन खिला दिया। इस दौरान पंडाल, पानी, ट्रैफिक, लंगर-भोजन, चिकित्सा सहित विभिन्न समितियों के सेवादारों ने अपनी ड्यूटियां बखूबी निभाई और साध-संगत की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया। MSG Bhandara

झलकियाँ

  • सड़कों पर दूर-दूर तक दिखे साध-संगत के काफिले
  • खुशियां मनाते हुए पंडाल में पहुँची साध-संगत।
  • पूज्य गुरु जी के भजनों पर बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी झूमकर नाचे
  • सर्दी के मद्देनजर जगह-जगह था पीने के लिए गर्म पानी का विशेष प्रबंध
  • पंडाल, ट्रैफिक, सफाई, लंगर-भोजन सहित विभिन्न समितियों क सेवादारों ने बखूबी निभाई ड्यूटियां

सतगुरु के ऋण को चुकाया नहीं जा सकता: पूज्य गुरु जी | MSG Bhandara

सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि आज पूरी साध-संगत के चेहरे खुशी से खिले हुए हैं और इन सबके पीछे शाह मस्तान-शाह सतनाम जी दाता रहबर का रहमो कर्म है और मालिक से यहीं दुआ है कि परम पिता परमात्मा आपको हर खुशी से नवाजे, जो वचनों के पक्के रहें, दृढ यकीन रखें, उन्हें कोई कमी तो क्या मांगने के लिए सोचने तक की भी नौबत ना आए। सच्चे दाता रहबर शाह सतनाम जी महाराज के जितने गुण गाएं, उतने कम हैं।

परम पिता शाह सतनाम जी महाराज श्री जलालआणा साहिब में आए और माता आसकौर जी और अति पूजनीय पिता वरियाम सिंह जी के घर जन्म लिया। वो धरा, वो जगह धन्य-धन्य कहने के काबिल है। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि हम और हमारी साध-संगत धन्य है जिस दाता ने हमें चरणों से लगाया। पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि धन्य करने वाले एक कण को, एक कतरे को समुंद्र ही नहीं महासागर बना देते हैं। एक नूर के जर्रे को सूरज ही नहीं करोड़ों सूरज की तरह चमका देते हैं, तो ऐसे मुर्शिद-ए-कामिल दाता रहबर का अरबों-खरबों बार गुणगान गाएं, सजदा करें, नमन करें, उतना कम है। MSG Bhandara

गुण गाने जरूरी हैं, लेकिन अगर सारी उम्र गुण गाते रहें तो भी मुर्शिद का ऋण उतारा नहीं जा सकता। हम सब धन्य हुए क्योंकि दाता रहबर के दर्शन पाए। उस परम पिता परमात्मा ने धन्य बनाए तभी धन्य हुए। वरना पता नहीं कौन सा जीव कहां पर भटक रहा था। पता नहीं कितने युगों से आत्मा भटक रही थी और अगर वो (परम पिता शाह सतनाम जी महाराज) ना आते तो आत्मा भटकती ही रह जाती। शाह सतनाम जी दाता का जितना गुणगान गाएं, उतना कम है। परम पिता जी ने हम थे, हम है और हम ही रहेंगे, के वचन करके रूहानियत का इतिहास ही बदल डाला।

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि सतगुरु मौला ने हर तरह से अपने बच्चों की संभाल की, कर रहे हैं औैर अरबों-खरबों गुणा ज्यादा करेंगे जो वचनों पर अमल करेंगे। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को वचनों पर पक्के रहने और दृढ़ यकीन रखने का आह्वान किया। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ऐसा कलियुग का समय है जिसमें मन, माया, काम वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार का बोल बाला है और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि वो बच्चे भाग्यशाली हैं जो गुरुमंत्र लेकर राम-नाम का जाप कर रहे हैं और वो बच्चे बड़े ही भाग्यशाली हैं जिनके माँं-बाप ने उन्हें गुरुमंत्र दिलवा दिया।

खानदानी सेवादार, खानदानी सत्संगी को हम सैल्यूट करते हैं। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि परम पिता जी ने डरना नहीं सिखाया, झुकना सिखाया है, लड़ना नहीं सिखाया, प्रेम करना सिखाया है, अहिंसा में रहना सिखाया है, हिंसा करना नहीं सिखाया। इसके अलावा साध-संगत को बेगर्ज प्रेम करना सिखाया है व आत्मा व परमात्मा से ईश्क करना सिखाया है। आत्मिक ईश्क में जो नशा होता है वो बा कमाल, गजब, जबरदस्त होता है। MSG Bhandara

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