Haryana: अब हरियाणा के स्कूलों में छात्रों को पढ़ाई जाएगी श्रीमद् भगवद् गीता

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Haryana: अब हरियाणा के स्कूलों में छात्रों को पढ़ाई जाएगी श्रीमद् भगवद् गीता

Haryana: चंडीगढ़/,हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हरियाणा के विद्यालयों में नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बच्चों को संस्कारवान बनाने व सांस्कृतिक ज्ञान प्रदान करने के लिए आठवीं कक्षा तक श्रीमद्भगवद्गीतागीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इससे पहले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अधीन आने वाले सभी निजी व सरकारी स्कूलों में कक्षा नवमी से 12वीं तक श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित उत्तरा व मध्यमा पुस्तक का ट्रायल शुरू भी कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए नए सिरे से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। आगामी शैक्षणिक सत्र में कोई सरकारी स्कूल ऐसा नहीं बचेगा, जहां शिक्षकों की कमी हो।

स्कूलों का होगा कायाकल्प | Haryana

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए स्कूलों का कायाकल्प करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के साथ बैठक ले रहे मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छात्र और शिक्षकों के अनुपात को सुनिश्चित करें। प्रदेश में शिक्षकों की कमी नहीं है। केवल छात्रों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने की जरूरत है। सरकारी स्कूलों के प्रति जनता में विश्वास जागृत किया जाए ताकि अधिकाधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आएं।

शिक्षकों को दी जाएगी कौशल विकास की ट्रेनिंग | Haryana

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को ऊजार्वान बनाने के लिए स्कूलों में खेल और स्वच्छता को अनिवार्य किया जाए। शिक्षकों का भी कौशल विकास किया जाए ताकि वे नई पद्धतियों के अनुसार बच्चों को पढ़ा सकें। स्कूल-कॉलेजों में मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय की व्यवस्था व स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए। ब्लॉक स्तर पर संचालित सीबीएसई से मान्यता प्राप्त इंग्लिश मीडियम वाले माडल संस्कृति स्कूल स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए होड़ लगी है। इसलिए ब्लाक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी को निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग के इंजीनियरिंग विंग के कार्यों के लिए अन्य विभागों के एक्सईएन लेवल के अधिकारियों को टेंडर इत्यादि प्रक्रियाओं के लिए अधिकृत किया जाए। जो ठेकेदार कार्य तय समय में पूरा नहीं करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जाए।

ड्रॉप आउट रोकने के लिए हर बच्चे की होगी ट्रैकिंग

स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हर बच्चे को ट्रैक किया जाए कि वह 12वीं कक्षा के बाद किस संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि हरियाणा से बाहर भी यदि कोई बच्चा शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो उसकी भी जानकारी रखी जाए। ड्राप आउट की समस्या पूरी तरह खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एआइ के युग में हमें आधुनिक शिक्षा में अमूल चूल परिवर्तन करने होंगे। सभी अधिकारी व कर्मचारी अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करें। किसी भी स्तर पर कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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