लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने की आरती
- हजारों लोग हुए आरती और दीपदान में शामिल
कोटा (सच कहूँ न्यूज़)। Kota Mahotsav: कोटा महोत्सव के पहले दिन की शुरुआत जहां गणपति की आराधना से हुई वहीं शाम को मां चंबल की महाआरती कर सदा नीरा का आशीर्वाद लिया गया। सोमवार संध्या को चंबल रिवर फ्रंट के शौर्य घाट पर चंबल महाआरती का भव्य आयोजन किया गया। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कोटा, प्रदेश एवं राष्ट्र की समृद्धि खुशहाली एवं विकास के संकल्प के साथ चम्बल आरती कर आशीष मांगा। Kota Mahotsav
इस अवसर पर शास्त्रीय संगीत के सुरों और मधुर धुनों ने वातावरण को दिव्य बना दिया। बनारस के प्रख्यात पंडित श्री उमाकांत शास्त्री एवं पंडित समूह द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ चम्बल माता की आरती की गई। हाथों में दीपक और चहुंओर जगमग दीपों की पंक्तियों से घाट जीवंत हो उठे। आरती के बाद दीपदान का आयोजन भी किया गया, जिसने पूरे माहौल को आध्यात्मिक और मनमोहक बना दिया। Kota Mahotsav
इस अवसर पर रिवर फ्रंट के घाटों पर सजी सांस्कृतिक संध्या में गणेश वंदना फिर बैंड द्वारा केसरिया बालम धुन बजाकर प्रस्तुति दी गई। शिव के चंद्रशेखर रूप स्तुति पर विशेष नृत्य प्रस्तुत किया गया। यह कार्यक्रम कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन द्वारा किया गया। हजारों श्रद्धालु शौर्य घाट पर आरती, दीपदान, और आतिशबाजी के इस दिव्य आयोजन के साक्षी बने।
माँ चंबल हमारी संस्कृति की जीवंत प्रतीक-लोकसभा अध्यक्ष | Kota Mahotsav
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने इस अवसर पर कहा कि जीवनदायिनी माँ चम्बल केवल हाड़ौती की जीवनरेखा नहीं हैं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना और अनमोल धरोहर का जीवंत प्रतीक भी है। माँ चम्बल की शांत धाराओं में न केवल जीवन की प्रेरणा है, बल्कि हमारे अन्नदाताओं के श्रम को सफलता में परिवर्तित करने का आशीर्वाद भी समाहित है।
उन्होंने महा आरती के बाद माँ चम्बल के चरणों में प्रार्थना की कि उनका कृपाश्रय सदैव कोटा-बूंदी की पुण्यभूमि पर बना रहे। माँ चम्बल की पवित्र धाराएं उन्नति, समृद्धि और खुशहाली का संचार करती रहे। उन्होंने कहा कि चम्बल की महिमा हमारे लिए केवल एक नदी नहीं, बल्कि प्रेरणा, ऊर्जा और विश्वास का अजस्र स्रोत है।
श्री बिरला ने दीपदान के इस पावन अवसर पर हम माँ चम्बल को नमन करते हुए अपनी संस्कृति, प्रकृति और परंपरा को संरक्षित करने का आव्हान किया।
’दीपदान और आतिशबाजी
महाआरती के साथ शौर्य घाट पर दीपदान का आयोजन सिंफनी कंपनी द्वारा किया गया। सैकड़ों दीपों की जगमगाहट ने चंबल नदी के किनारों को दिव्यता से भर दिया। श्रद्धालुओं ने दीप प्रवाहित कर अपने श्रद्धा भाव प्रकट किए।
शानदार आतिशबाजी का आयोजन भी किया गया। रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने घाट की सुंदरता को चार चांद लगा दिए और उपस्थित श्रद्धालुओं के उत्साह को और बढ़ा दिया।
संगीत और भक्ति का संगम | Kota Mahotsav
सिंफनी कंपनी की प्रस्तुति ने चंबल आरती को और भी विशेष बना दिया। उनकी मधुर धुनों और सुरों ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को भक्ति और सांस्कृतिक संगम का एक अद्वितीय अनुभव बताया। चम्बल माता की आरती में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आटे से बनाए गए एक हजार दिए भी जगमगाए। कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन द्वारा करीब 10 हजार इलेक्ट्रिक दिए आमजन को वितरित किए गए जिनसे लोगों ने चम्बल माता की आरती की।
सांस्कृतिक पहचान हुई जीवंत
जन प्रतिनिधि राकेश जैन, आईजी कोटा रेंज रविदत्त गौड़, कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक कोटा शहर डॉ. अमृता दुहन, पुलिस अधीक्षक कोटा ग्रामीण सुजीत शंकर भी चम्बल आरती में शामिल हुए। महा आरती में ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन, भामाशाह मंडी के अध्यक्ष अविनाश राठी एवं अन्य पदाधिकारी, व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी, व्यापार महासंघ, होटल एसोसिएशन, व्यापार संघ एवं संबंधित संस्थाओं के पदाधिकारी एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।
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