Haryana-Punjab Weather Alert: सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हिसार। पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से सोमवार अलसुबह से हरियाणा के सरसा, फतेहाबाद, हिसार, जीन्द, कैथल, कुरुक्षेत्र और भिवानी सहित विभिन्न जिलों में रुक-रुक कर हुई बूंदाबांदी के कारण ठिठुरन बढ़ गई। वहीं पंजाब के गुरदासपुर में न्यूनतम तापमान 4.0 व हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 6.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। 2 दिन पहले तक हिसार में जहाँ न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के करीब पहुंच गया था, सोमवार सुबह वहाँ न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
हिसार का न्युनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेकिन न्यूनतम व अधिकतम तापमान करीब आने से रात्रि की बजाय दिन में ठंड बढ़ गई। भारत मौसम विभाग व चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विभाग ने 23 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बूंदाबांदी की संभावना जताई थी। ऐसा हुआ भी। अब 24 दिसंबर से अब बार फिर मौसम परिवर्तनशील होने की संभावना है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि 24 दिसंबर से 26 दिसंबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने तथा उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं हल्की गति से चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान राज्य के कुछ एक क्षेत्रों में अलसुबह धुंध या स्मॉग रहने की भी संभावना है।
फसलों के लिए फायदेमंद | Haryana-Punjab Weather Alert
दूसरी तरफ सोमवार सुबह से हुई बूंदाबांदी के कारण दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। मौसम व वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बूंदाबांदी फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी। बूंदाबांदी से सरसों व गेहूं की फसलों को विशेष रूप से फायदा होगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बूंदाबांदी के बाद सुबह में रात के वक्त धुंध का मौसम बना रहेगा रात्रि के तापमान में तेजी से गिरावट आने की भी संभावना है।
26 से शुरू होगी हाड़ कंपा देने वाली ठंड
भारत मौसम विभाग के मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि रविवार रात से पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय हो गया। इसके असर से दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके कारण आगामी दिनों में अरब सागर की तरफ से नमी वाली हवाओं का रूख मैदानी क्षेत्र की तरफ होगा। जिसके कारण रात्रि के साथ-साथ दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी। इसी प्रकार 26 दिसंबर को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इन दोनों पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होने के कारण मैदानी क्षेत्रों में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी आने के आसार हैं।
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