9 दिसम्बर को डी.सी के आदेश पर शुरू किया गया था सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी अभियान
कैथल (सच कहूँ/कुलदीप)। Kaithal News: जिले में पिछले दिनों लगातार एक सप्ताह तक प्राइवेट स्कूलों की बसों की फिटनेस की जांच की गई। इस दौरान पुरे जिले में लगभग 657 बसों की जाँच की गयी। इनमे सबसे अधिक कैथल से 238 और सबसे कम कलायत से 45 बसे शामिल रही। ईनमें से लगभग 154 के आसपास बसों में खामियां मिली। पूरे सप्ताह सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक जांच की गई। यह अभियान सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत चलाया गया। जिसमें जिलेभर के स्कूल की बसों को संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की कमेटी ने बसों को चेक किया। बता दे कि 9 दिसम्बर को यह अभियान डी.सी प्रीती के आदेश पर शुरू किया गया था। Kaithal News
ताकि धुंध से पहले बसों की कमिय को देखकर उन्हें दुरुस्त किया जा सके और हादसो में कमी लाई जा सके। टीम की ओर से खामियां मिलने वाले स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। एक सप्ताह में बसों की कमियां दूर कर दोबारा कमेटी के समक्ष जांच करवानी होगी। अगर एक सप्ताह में भी खामियां दूर नहीं हुई तो टीम द्वारा अभियान चलाकर रूटों पर स्कूल बसों के चालान किए जाएंगे।
ये मिली खामिया | Kaithal News
इनमें ज्यादातर बसों में सीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग नहीं मिली। कैमरे लाइव तो मिले, लेकिन पिछले दिनों की रिकार्डिंग देखी तो नहीं मिली। वहीं स्कूल बसों पर लगाई गयी महिला परिचालक के पास कंडक्टर लाइसेंस उपलब्ध नहीं था । कई स्कूलों के चालक बिना वर्दी के नजर आए। नियमों को लेकर लापरवाही बरतने वाले स्कूल बसों के संचालकों को नोटिस दिया गया है।। बसों में स्पीड गवर्नर लगे हुए मिले, लेकिन अधिकतर बसों के चल नहीं रहे थे। फर्स्ट बॉक्स से लेकर, स्टीकर, शीशों सहित व बसों में लगे जी.पी.एस सिस्टम ठीक ढग़ से काम नहीं कर रहे थे। कुछ स्कूल की वैन में रूट बोर्ड नहीं मिले। टीम को चेकिंग दौरान काफी खामियां मिली है।
गौरतलब है कि जिला सडक़ सुरक्षा की बैठक में डी.सी ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि सभी स्कूलों की बसों की फिटनेस का जांचा जाए। इसके बाद टीम बनाकर चेकिंग अभियान शुरू किया था। टीम में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर अनिल सैनी, मकैनिक रोडवेज गुरजंट सिंह, ए.एस.आई पुलिस विभाग, एजुकेशन डिपार्टमेंट से संबंधित, एस.डी.एम की टीम का सदस्य को रखा गया था। Kaithal News
ये किए गए है मानक निर्धारित:
सुरक्षित स्कूल वाहन पालिसी के तहत मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत स्कूल बस में लेडी अटेंडेंट का होना अनिवार्य है। वह और चालक दोनों वर्दी में होने चाहिए। गले में आई कार्ड होना चाहिए। चालक के पास पांच वर्ष पुराना ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इसके साथ ही स्कूल बस के अंदर जीपीएस अनिवार्य है। स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरा, फायर एग्जीक्यूशन, चालक की पुलिस वेरिफिकेशन, फस्र्ट एड बाक्स होना अनिवार्य है। आर.टी.ए से अनुमति प्राप्त रूट मैप होना चाहिए। स्कूल बस का इंश्योरेंस, प्रदूषण, फिटनेस पूरी होनी चाहिए। कैमरा की रिकॉर्डिंग 15 दिन की बस के अंदर व तीन माह की स्कूल प्रशासन के पास होनी चाहिए। बस पर पीला रंग होना चाहिए। स्कूल का पीछे नंबर होना भी जरूरी है।
अभिभावक पूरा पैसा लगाकर अपने बच्चो का अच्छे स्कूल में दाखिला करवाते है | स्कूल बसों का किराया देते है, लेकिन कई बार इन बसों में लापरवाही और कमिय देखने को मिलती है। विभाग द्वारा समय- समय पर स्कूलों बसों जांच होनी चाहिए। कई स्कूल संचालक बसों की फिटनेस पर ध्यान नहीं देते है ———- संदीप, अभिभावक
ब्लाक बसों की संख्या
- कैथल 238
- पूंडरी 143
- गुहला 117
- सीवन 63
- राजौंद 51
- कलायत 45
डी.सी के आदेश पर 657 बसों की चेकिंग की गई है। लगभग 154 खामियां मिलने वाली बसों को नोटिस दिया गया है। एक सप्ताह में इन बसों की खामियों को दूर करने के स्कूल संचालकों को निर्देश दिए है। अगर फिर भी खामियां दूर नहीं हुई तो बसों के चालान किए जाएंगे। जिसके जिम्मेदार स्कूल संचालक रहेंगे।
अनिल सैनी, मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर, आर.टीए कैथल
यह भी पढ़ें:– Free Bicycle Distribution: 23 छात्राओं को दी गई फ्री साइकिल!