खिजराबाद सच कहूं न्यूज राजेन्द्र कुमार। ऊर्जनी गांव के शिव मंदिर की जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच संघर्ष हुआ। कई लोगों को चोटें भी आई। गनीमत रही कि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। घटना की सूचना मिलते ही छछरौली पुलिस व तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे। ऊर्जनी गांव में सड़क किनारे सन 1958 से स्थित शिव मंदिर की जमीन पर गांव के मंगतराम का परिवार अपना हक जता रहा है। मंगतराम की करीब 40 साल पहले मृत्यु हो चुकी है। क्योंकि इस जमीन की गिरदावरी मंगतराम के नाम थी तो इसलिए उनके बेटे शुभ राम, रामस्वरुप, राणा व परिवार इस जमीन को अपना बता रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक मंदिर की 7 कनाल जमीन है। कुछ जमीन में मंदिर स्थित है व खाली पड़ी जमीन को पंचायत व मंदिर कमेटी ठेके पर देती थी और जो पैसे ठेके के मिलते थे वह मंदिर पर खर्च किए जाते रहे। जब नए नेशनल हाइवे का प्रोजेक्ट शुरु हुआ तब मंदिर की 1 कनाल जमीन प्रोजेक्ट में आ गई। जिसका करीब 18 लाख रुपए मुआवजा मिलना था। लेकिन मंगतराम के परिवार के नाम गिरदावरी होने की वजह से मामला कोर्ट में जा पहुंचा। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि मंगतराम के परिवार ने इस दौरान जमीन पर कब्जा करने के लिए कई तरीके अपनाए इसी वजह से शनिवार को विवाद हुआ। विवाद की सूचना पर पहुंची तहसीलदार सुदेश मेहरा ने दोनों पक्षों को सुना और दस्तावेज पेश करने के लिए कहा। जब कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाया तो उन्होने आगामी 23 दिसंबर को कोर्ट के निर्णय का इंतजार करने की बात कही और दोनों पक्षों से इस निर्णय तक जमीन में किसी भी तरह की दखलंदाजी ना करने का शपथपत्र लिया। जिसके बाद मामला शांत हुआ।