Haryana New Highway: हरियाणा के इन गांवों से होकर गुजरेगा ये नया हाईवे, हरियाणा सरकार ने दी मंजूरी, जानें इसका रूट

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Haryana-New-Highway: हरियाणा के इन गांवों से होकर गुजरेगा ये नया हाईवे, हरियाणा सरकार ने दी मंजूरी, जानें इसका रूट

Haryana New Highway: गुरुग्राम (संजय मेहरा)। हरियाणा राज्य की सरकार ने 616 करोड़ 01 लाख रुपये की अनुमानित लागत से पलवल, नूंह और गरुग्राम जिलों में होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा मार्ग को 0.00 से 71.00 किलोमीटर तक यानि होडल-नूंह-तावडू-बिलासपुर मार्ग से 4-लेन बनाने को स्वीकृति प्रदान की हैं।

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सैनी सरकार द्वारा लिया गया निर्णय | Haryana New Highway

यह निर्णय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित स्थायी वित्त समित ‘सी’की बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा लिया गया हैं। बैठक में पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) मंत्री रणबीर गंगवा सहित वित्त विभाग, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), ऊर्जा विभाग और हाउसिंग फॉर आॅल विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

यह परियोजना मुख्यमंत्री की घोषणा का हिस्सा हें, जिसका उद्देश्य होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा सड़क पर माल और यात्री दोनों की आवाजाही की दक्षता बढ़ाना हैं। इस परियोजना से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों, दिल्ली-मथुरा-आगरा (एनएच-19), दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनई-4), गुरुग्राम-नूंह-राजस्थान (एनएच-248ए) और दिल्ली-जयपुर (एनएच-48) पर कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा।

इन गांवों को होगा लाभ

प्रस्तावित उन्नयन से इस मार्ग पर स्थित कई गांवों को भी इसका लाभ होगा, जिनमें बिलासपुर, पथरेरी, अडबर, बावला, भजलाका, बिवान, छारोडा, फतेहपुर, गोवारका, गुढ़ी, हुसैनपुर, जयसिंहपुर, झामुवास, कालिंजर, नूरपुर, पल्ला, रायपुरी, सतपुतियाका, सिलखों, सोंख, तेजपुर, उजिना, बहिन, भीमसिका, कोट, मलाई, नांगलजाट, सौंदहद, उत्तावर, शहर-नूंह, होडल, तावडू जिला नूंह और पलवल शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने दिए ये आदेश

बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को टेंडर आवंटन प्रक्रिया में बदलाव करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभाग आॅनलाइन बोली प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव लाए जाए, ताकि आॅनलाइन माध्यम से टेंडर प्राप्त करने के बाद ठेकेदारों द्वारा परियोजना को छोड़ देने का अयोग्य घोषित किए जाने के कारण विकास परियोजनाओं में होने वाली अवावश्यक देरी को दूर किया जा सके।

इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि नई प्रणाली के तहत, यदि एल-1 (सबसे कम बोली लगाने वाला) किसी कारण से परियोजना के बीच में ही छोड़ देता हैं, तो अनुबंध स्वत: एल-2 बोली लगाने वाले को दे दिया जाएं, जो निर्धारित दरों पर काम को पूरा करें।

इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि ठेकेदारों के मुद्दों के कारण कोई भी परियोजना अधूरी न रहें, जिससे बहुमूल्य समय की बच होगी और विकास पहलों की समग्र दक्षता बढेगी। उन्होंने कहा कि इससे काम की गति में उल्लेखनीय सुधार आएगा और यह सुनिश्चित होगा कि सभी परियोजनाएं बिना अनावश्यक देरी के पूरी हो जाएं।

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