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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने
- अंजू देवी को अयोगय करार दिया
- राजस्थान से फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर लड़ा था नगर परिषद का चुनाव
- आम आदमी पार्टी से चुनाव जीती प्रत्याशी ने कराया था केस दर्ज
- 30 दिन जेल में रहने के बाद फिर से संभाला था चेयरपर्सन का चार्ज
गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा)। Gurugram News: आखिरकार सोहना नगर परिषद की चेयरपर्सन अंजू देवी को अपना पद गंवाना ही पड़ा। स्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर उन्होंने चुनाव लडक़र जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर रही आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी ने अंजू देवी के खिलाफ फर्जी सर्टिफिकेट का केस दर्ज कराया था। इस मामले में अंजू देवी 30 दिन राजस्थान में जेल में भी रहीं। जमानत पर रिहा होकर फिर से चेयरपर्सन पद पर आसीन हो गई।
बता दें कि नगर परिषद सोहना के चुनाव 19 जून 2022 को हुए थे। इस चुनाव में अंजू देवी ने जीत दर्ज की थी। अंजू देवी द्वारा चुनाव प्रक्रिया में जमा कराए गए दस्तावेजों में से 8वीं कक्षा की मार्कशीट को फर्जी बताते हुए आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार ललित ने राजस्थान में केस दर्ज कराया था। साथ ही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। अंजू देवी को 28 मई 2023 को नगर परिषद सोहना के वार्ड-2 स्थित गलोबल हाईट सोसायटी के फ्लैट से राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया था। उन्हें अदालत ने जमानत ना देकर जेल भेज दिया। Gurugram News
30 दिन तक वे राजस्थान में जेल में रहीं। जेल जाने के साथ ही हरियाणा सरकार ने अंजू देवी को चेयरपर्सन पद से निलंबित कर दिया था। चेयरपर्सन का चार्ज वाईस चेयरपर्सन को दे दिया गया। चार जुलाई को अंजू देवी की जमानत याचिका को अदालत ने स्वीकार करके जमानत दे दी थी। जेल से बाहर आने के करीब एक सप्ताह बाद हरियाणा सरकार ने अंजू देवी का निलंबन बहाल करके चार्ज संभालने के निर्देश दिए। अंजू देवी ने 40 दिन बाद फिर से चेयरपर्सन का पदभार संभाला।
इस तरह से चला पूरा प्रकरण | Gurugram News
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील आर. कार्तिकेय ने कोर्ट को जानकारी दी गई कि भाजपा प्रत्याशी अंजू देवी ने फरीदाबाद के भाकरी से पढ़ाई की थी। वहां पर वह आठवीं कक्षा में फेल हो गई थी। चुनाव लडऩे के लिए अंजू देवी ने राजस्थान से बना सर्टिफिकेट जमा कराया था। जांच में सामने आया कि उस सर्टिफिकेट पर स्कूल मुखिया के फर्जी हस्ताक्षर थे। यानी सर्टिफिकेट पूरी तरह से फर्जी थी। स्कूल प्रिंसिपल ने भी अंजू देवी के खिलाफ राजस्थान में मुकदमा भी दर्ज कराया है।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अंजू ने चुनाव में जीत तो हासिल की है, लेकिन चुनाव लडऩे के लिए फर्जी प्रमाण पत्र लगाया गया। कोर्ट से मांग की गई अंजू देवी की चेयरपर्सन की शपथ पर रोक लगाई जाए। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि राज्य चुनाव आयोग के आदेश पर डीसी को इस मामले की जांच सौंपी गई है। Gurugram News
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