विवादों के विश्वविद्यालय का कछुआ चाल से चल रहा निर्माण कार्य

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Kaithal News: महर्षि संस्कृत विवी का नक्शा, विश्वविद्यालय में अब तक हुआ निर्माण कार्य

2016 में घोषणा के बाद अब तक महज 25 से 30 प्रतिशत कार्य हो सका है पूरा

  • चहेतो को नौकरी देने के चलते विवादों में भी रहा है विवि, मामले हाइकोर्ट में पहुंचे | Kaithal News

कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Kaithal News: जिले के गांव मूंदड़ी में भगवान वाल्मीकि के नाम से बनने वाले महर्षि संस्कृत विश्वविद्यालय की घोषणा वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समय हुई थी। लेकिन विडंबना है कि अभी तक इसका सिर्फ 25 से 30 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। वहीं वीवी में अपने चहेतो को नौकरी देने के आरोप भी इन बीते सालों में लगातार लगते रहे है और मामले हाइकोर्ट तक में जा पहुंचे।

विवि की निर्माण कार्य की प्रक्रिया के तहत अभी तक 100 करोड़ रुपये की राशि आई है। इसमें से 43 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। जबकि अन्य 57 करोड़ रुपये की राशि अभी खर्च की जा रही है। हालांकि विश्वविद्यालय की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट 181 करोड़ रुपये के बजट की है। Kaithal News

पिछले दिनों सीएम ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी और मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशों पर भाजपा नेताओं ने इसका दौरा भी किया था। इनमें वरिष्ठ भाजपा नेता रविभूषण गर्ग और श्याम सुंदर बंसल शामिल रहे थे। बता दे कि घोषणा के दो वर्ष बाद अगस्त 2018 में इसका भूमि पूजन हुआ और निर्माण जनवरी 2024 में यानी भूमि पूजन के छह साल बाद शुरु हुआ। इस दौरान दो कुलपति बदल गए, लेकिन भवन का निर्माण तीसरे कुलपति के कार्यकाल में शुरु हो सका।

ड्रेन के ऊपर बनाया जायेगा ब्रिज | Kaithal News

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर के बीचो बीच कैथल ड्रेन गुजर रही है। इसने वीवी को दो भागो में बांट दिया है। एक भाग जो खेतों की तरफ है उसमें अकादमिक और प्रशासनिक भवन बनने हैं। वहीं दूसरी तरफ लड़कों और लड़‌कियों के हास्टल बनाए जाने हैं। ड्रेन की लगभग सवा किलोमीटर की पटरी के साथ करनाल रोड तक सड़क भी बनाई जाएगी, जिसका बजट 11 करोड़ रुपए का है। इसके अलावा ड्रेन के ऊपर ब्रिज भी बनाया जाएगा जो दोनों हिस्सों को जोड़ेगा।

हाइकोर्ट तक पहुंचे वीवी में नौकरी के मामले

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय शुरू होने के बाद असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर चहेते को नौकरी देने के आरोप लगे थे। उसके बाद असिस्टेंट रजिस्ट्रार व डिप्टी रजिस्ट्रार की भर्ती का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया, जिस कारण लिखित परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी। 2020 में एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती निकली तो उसमें भी प्रक्रिया पूरी किए बिना नियुक्ति देने के आरोप लगे व मामला हाई कोर्ट पहुंच गया था। Kaithal News

4 टुकड़ों में बंटा हुआ है वीवी

डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय कॉलेज में वीवी का प्रशासनिक ऑफिस है और टीक के पास बंद हो चुके एक कॉलेज को कक्षाएं लगाने के लिए किराये पर लिया गया है। शहर में एक जगह लड़कियों का हॉस्टल तो दूसरी जगह लड़कों का हॉस्टल है। नई जानकारी में सामने आया है कि विश्वविद्यालय को सड़क के साथ लगती चार एकड़ जमीन मिल गई है। जिसके बाद 100 मीटर अंदर से शुरू होने वाला कैंपस अब आगे आ गया है। बीती तीन दिसंबर को इसकी डीपीआर भेजी गई है। यह 30 करोड़ रुपये की एक डीपीआर है, जिसमें कैंपस के अंदर बिजली, पानी, सीवरेज और सड़कों का निर्माण भी शामिल है।

शैक्षणिक ब्लॉक का निर्माण कार्य चल रहा है। सरकार से 181 करोड़ के बजट की मांग की हुई है। विवि में कार्यों के लिए अलग-अलग टेंडर लग रहे हैं, जिसका प्रभाव कार्य की गति पर भी पड़ता है। निर्माण कार्य में गति लाई जाएगी।
                                                    -प्रो. रमेशचंद्र भारद्वाज, वीसी महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय

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