पराली में आग नहीं लगाते, हमेशा कृषि विभाग से जुड़े रहते हैं
फाजिल्का (सच कहूँ/रजनीश रवि)। Fazilka News: फाजिल्का जिले के गांव निहाल खेड़ा के किसान रवि कांत एक सफल किसान हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम करते हैं। कृषि, उद्यान, कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के संपर्क में हमेशा रहने वाले रविकांत गेहूं और धान की खेती के साथ सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं। Agriculture News
रवि कांत का कहना है कि परंपरागत फसलों से छह माह बाद आय होती है, जबकि सब्जी की खेती से प्रतिदिन आय होती है। उन्होंने अपने खेत में कई तरह की सब्जियां लगाई हैं. वह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा खोजे गए उन्नत किस्मों के बीज और पौध भी पैदा करते हैं, जिन्हें वह अन्य किसानों को आपूर्ति करते हैं। Agriculture News
रविकांत कहते हैं कि उन्होंने अपने खेत में नए प्रयोग भी शुरू किए हैं. वह बिना जुताई के सब्जियों की खेती कर रहे हैं। वह बताते हैं कि अगर किसान को प्रगति करनी है तो उसे एक फसल पर निर्भर रहने के बजाय आय के कई विकल्प तैयार करने होंगे।
रवि कांत जहां सब्जियों की खेती करते हैं, वहीं वह गेहूं और धान की भी खेती करते हैं और वह कई सालों से पराली को बिना जलाए उसका रख-रखाव कर रहे हैं। रवि कांत का कहना है कि ऐसा करने से उनकी भूमि की उर्वरता बढ़ी है और मिट्टी में सुधार हुआ है। उनका कहना है कि किसानों को फसल अवशेष को जलाना नहीं चाहिए बल्कि उसे किसी तरह खेत में ही इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे सब्जियों और बगीचों में पुआल डालकर मल्चिंग की जा सकती है या उसे खेत में दबाने से मिट्टी में कार्बनिक मादा की मात्रा बढ़ती है और जमीन की ताकत बढ़ती है। उनकी सलाह है कि किसानों को कृषि और बागवानी विभाग के संपर्क में रहकर नई तकनीक सीखनी चाहिए और जरूरत के मुताबिक अपनी खेती में लगातार बदलाव करते रहना चाहिए। Agriculture News
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