EPFO Wage Limit: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर हैं, मोदी सरकार मंथली सैलरी लिमिट को दोगुणा करके 30 हजार रुपये महीना कर सकती हैं। यानि सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) योजनाओं के अंतर्गत श्रमिकों को अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए वेतन सीमा बढ़ा सकती हैं। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत वेतन सीमा को ईपीएफ के बराबर लाने की भी योजना हैं, हाल ही में शनिवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में इन दोनों मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई हैं। EPFO News
Long Hair Tips: बालों को लंबा और मजबूत करने के लिए करें करी पत्ते का इस्तेमाल, जाने कैसे करें प्रयोग
बता दें कि वर्तमान में ईपीएफओ के तहत शामिल होने के लिए वेतन सीमा 15 हजार रुपये प्रति माह हैं और ईएसआईसी के तहत 21 हजार रुपये, बिजनेस स्टैंडर्ड के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों योजनाओं के लिए सीमा को बढाकर 30 हजार रुपये प्रति माह किए जाने की संभावना हैं।
फरवरी की बैठक में लिया जाएगा अंतिम फैसला | EPFO News
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की शनिवार को हुई बैठक में वेतन सीमा बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया, बैठक में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि सीबीटी की फरवरी की बैठक में इस बात का अंतिम फैसला लिए जाने की उम्मीद हैं। लेकिन अधिकतर सदस्य और श्रम मंत्रालय मौजूदा सीमा को दोगुना करने के पक्ष में है। ईपीएफ और ईएसआई के तहत वेतन सीमा से तात्पर्य वेतन सीमा से है, जिस तक ईपीएफ और ईएसआई कंट्रिब्यूशन कानून के तहत अनिवार्य हैं। ईपीएफ और ईएसआई के लिए कर्मचारी के योगदान की राशि नियोक्ता द्वार कर्मचारियों के वेतन से काटकर ईपीएफओ और ईएसआईसी में जमा की जानी चाहिए। नियोक्ताओं को योगदान के बराबर राशि जमा करानी होगी।
इस बदलाव से क्या होगा फायदा | EPFO News
मौजदा नियमों के अनुसार 15 हजार रुपये से अधिक कमाने वाले कर्मचारियो के पास ईपीएफ कवरेज से बाहर निकलने का विकल्प होता हैं, यदि यह सीमा 15 हजार रुपये बढाई जाती हैं, तो योगदानकर्ताओं की संख्या बढ़ जाएगी। अभी ईपीएफओ के तहत एक्टिव 7 करोड़ सदस्य हैं। ईपीएफओ के लिए मौजूदा वेतन सीमा 15 हजार रुपये प्रति माह निर्धारित की गई हैं, जिसे 2014 में 6500 रुपये से संशोधित किया गया था। ईपीएफओ के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों 1500 रुपये या उससे कम मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफ खाते में 12-12% का योगदान करते हैं। बता दें कि कर्मचारी का पूरा योगदान पीएफ अकाउंट में जाता हैं, लेकिन नियोक्ता का योगदान दो भागों में बंटता हैं। 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस को आवंटित किया जाता हैं और शेष 3.67% भविष्य निधि खाते में जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में 15 हजार रुपये के मूल वेतन वाले कर्मचारी का ईपीएफ योगदान 1800 रुपये प्रति माह आता हैं लेकिन मान लीजिए, अगर इस वेतन सीमा को संशोधित कर 30 हजार रुपये कर दिया जाता हैं, तो यह योगदान अनिवार्य आधार पर बढ़कर 3,600 रुपये प्रति माह हो जाएगा।