कैथल के बाद जींद जिला परिषद चेयरपर्सन की कुर्सी खतरे में

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Jind कैथल के बाद जींद जिला परिषद चेयरपर्सन की कुर्सी खतरे में

जींद (सच कहूं न्यूज)। पिछले कुछ दिनों से कैथल में चल रही चेयरपर्सन बदलने की लहर ने अब जींद जिले का रुख किया है। अब जींद जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। सोमवार को जिला परिषद के 25 में से 18 पार्षदों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए पत्र सौंपा। बता दे कि रंधावा जेजेपी समर्थित पार्षद है और चेयरपर्सन बनने के वक्त जेजेपी पार्टी के साथ थी। इसके बाद मार्च में भाजपा और जेजेपी का गठबंधन टूटने के बाद पैदा हुए हालात में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मनीषा रंधावा और कुलदीप रंधावा ने खुलकर जुलाना से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट का साथ दिया था।

जिला परिषद के वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला ने कहा कि जिला परिषद के प्रधान पद से अब चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को जाना होगा। अविश्वास प्रस्ताव पर सतीश हथवाला, प्रतिनिधि जसमेर रजाना, कविता, गुरमेल, सुदेश समेत 18 पार्षदों के हस्ताक्षर बताए गए हैं। बता दे कि जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ उनके विरोधियों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जिला परिषद की विशेष बैठक जब भी होगी, उसमें मनीषा रंधावा को चेयरपर्सन पद से हटाने के लिए कम से कम 17 वोट की जरूरत पड़ेगी।

एक वोट से चेयरपर्सन बनने से चूक गई थी भाजपा समर्थित पार्षद

जींद जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को चेयरपर्सन की कुर्सी जेजेपी के समर्थन से मिली थी। तब जेजेपी समर्थित कुलदीप रंधावा की पत्नी मनीषा रंधावा का मुकाबला भाजपा समर्थक कविता से हुआ था। तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने खुल कर मनीषा रंधावा का साथ दिया था। महज एक वोट के अंतर से भाजपा समर्थक कविता चुनाव हार गई थी और जेजेपी समर्थक मनीषा रंधावा चेयरपर्सन बन गई थी।

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