नई दिल्ली (एजेंसी)। Chandrayaan-4 जैसे भारत नें चंद्रयान 3 को लेकर भारत में इतिहास रचा हैं, इसी के साथ अगली उपलब्धि चंद्रयान 4 की हैं, जो तेजी से रफ्तार भी पकड़ रही हैं। वहीं अब इसके आकार को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया हैं, कहा जा रहा हैं कि चंद्रयान 3 की तुलना में चौथा चंद्रयान काफी भारी होने वाला हैं, चंद्रयान 3 ने अगस्त 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर ली थी।
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दरअसल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से बता चला हैं कि चंद्रयान 4 पिछले चंद्रयान की तुलना में 12 गुणा ज्यादा भारी होने वाला हैं, एक रिपोर्ट के अनुसार ISRO में SAC यानी स्पेस एप्लिकेशन्स सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने जानकारी देते हुए कहां कि नए रोवर का वजन 350 किलोग्राम होने वाला हैं, जबकि चंद्रयान 3 का वजन 30 किलो था।
उन्होंने बताया कि इस मिशन का रोवर 350 किलोग्राम का होगा, जो पिछले रोवर से 12 गुना ज्यादा भारी हैं, जानकारी मिली हैं कि रोवर के आकार में हुआ यह इजाफा ISRO के व्यापक प्लान का हिस्सा हैं, जिसके तहत चांद की सतह पर खोज और नमूने वापस लाना शामिल हैं, इसकी खास बात ये हैं कि चंद्रयान 4 मिशन का मकसद सिर्फ चांद पर लैंडिग ही नहीं, बल्कि धरती पर सैंपल वापस लाना भी हैं।
आखिर क्यों बढ़ाया गया वजन? Chandrayaan-4
जानकारी के मुताबित नया भारी रोवर ज्यादा साइंटिफ पेलोड और खोज के लिए बड़े इलाकों में मददगार होगा, इससे पहले प्रज्ञान रोवर 500×500 मीटर का एरिया कवर करता हैं, वहीं नया रोवर 1 किमी x1 किमी का हो सकता हैं, कहा जा रहा है कि इससे चांद पर रिसर्च का दायरा बढ़ जाएगा, देसाई ने संभावनाएं जताई हैं कि इस मिशन को 2030 तक शुरू किया जा सकता हैं।