निकिता कोलकाता में होने वाली प्रतियोगिता में लेगी भाग
39th Youth National Basketball Championship: सरसा (सच कहूँ न्यूज)। जिले के गांव पन्नीवाला मोटा की बेटी निकिता थोरी ने अंडर-16 में 39वीं युवा राष्ट्रीय बास्केटबॉल में अपनी जगह बनाकर अपने माता-पिता व कोच के साथ-साथ पूरे जिले का नाम रोशन किया है। निकिता की इस उपलब्धि से गांव व खेल प्रेमियों में हर्ष व्याप्त है। खास बात तो यह है कि जिले की पहली महिला खिलाड़ी है जिसका बास्केटबॉल में चयन हुआ है। Haryana News
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निकिता के कोच अनिल कंस्वा ने बताया कि निकिता का चयन 39 वीं युवा राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैम्पियनशिप कोलकाता के लिए हरियाणा की टीम चयन हुआ है। निकिता सरसा की पहली महिला खिलाड़ी हैं, जिसका इस चैम्पियनशिप में चयन हुआ हैं। इसी के साथ कंस्वा ने बताया कि इस चैम्पियनशिप के लिए पूरे हरियाणा से गुडगांव में 200 लड़कियों ने ट्रायल दिया था। जिसमें सरसा से अकेली निकिता का चयन हुआ है। अब निकिता राष्ट्रीय स्तर पर कोलकाता में 29 नवंबर से 5 दिसंबर तक होने वाली चैम्पियनशिप में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगी।
निकिता ने बताया कि वह गांव के ही सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ती है। पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुझान होने पर गांव में ही बनी खेल नर्सरी में लगभग दो साल से बास्केटबॉल खेल के कोच अनिल कस्वां से कोचिंग लेती हूं। इसके पहले मैं दो बार स्कूली स्टेट और खेल महाकुंभ में भी मैडल जीत चुकी हूं। इसी के साथ रोविंग खेल में सिलवर मैडल जीत चुकी हूं। स्कूली नेटबॉल में गोल्ड भी अपने नाम किया है। मेरी जीत का श्रेय मेरे कोच और मेरे माता-पिता और ग्रामीणों को जाता है। Haryana News
बड़ी बहन भी इंटर यूनिर्वसिटी खेल चुकी | Sirsa News
खिलाड़ी निकिता दो बहने हैं और निकिता छोटी है। निकिता की बड़ी बहन महक भी एक खिलाड़ी है जो सीडीएलयू में बीएड की छात्रा है और बास्केटबॉल में इंटर यूनिर्वसिटी खेल चुकी है। निकिता की माता ग्रहणी है और पिता गांव में ही किसान है और खेतीबाड़ी करता है।
गांव में बनी खेल नर्सरी में 85 खिलाड़ी कोचिंग के लिए आते है और शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी अपना भविष्य देखते हैं। खिलाड़ी निकिता बीते दो साल से बास्केटबॉल की कोचिंग ले रही है। पढ़ाई में भी बेहतर प्रदर्शन के बाद खेलों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। गांव में नर्सरी में खिलाड़यों के साथ-साथ कोच होने के नाते मेरी भी परीक्षा होती है और जब कोई खिलाड़ी जीतता है तो सबसे ज्यादा खुशी कोच को ही होती है। Haryana News
– अनिल कस्वां, कोच
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